डीजल से चलने वाली ट्रेनों के नाम पर बड़ा घोटाला आया सामने, बिना डीजल लिए करोड़ों रुपए चट कर गए अधिकारी

Huge Scam Of Railways: हाल ही में भारतीय रेलवे में हाई स्पीड डीजल की खरीद को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। सतर्कता विभाग की विजिलेंस टीम के द्वारा की गई एक रुटीन जांच में इस बात का पता चला है कि भारतीय रेलवे की तरफ से राष्ट्रीय तेल कंपनियों से हाई स्पीड डीजल की खरीद में गड़बड़ी है।
द हिंदू न्यूज़ पेपर मे छपी एक रिपोर्ट में नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे की तरफ से हाई स्पीड डीजल खरीद को लेकर हुए एक ऑडिट में जनवरी-सितंबर 2022 के दौरान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 243 करोड़ रुपये के अतिरिक्त भुगतान करने का पता चला है।
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विजिलेंस टीम ने इस अनियमितता की जानकारी रेलवे बोर्ड को दे दी है। सूत्रों के अनुसार, तेल कंपनियों को जो अतिरिक्त भुगतान किया गया था उसकी वसूली के लिए उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के प्रमुख वित्तीय सलाहकार को निर्देशित कर दिया गया है।
सतर्कता विभाग ने बाकि रेल्वे जोनों से यह जांच करने को कहा है कि कहीं उनकी यहां भी ऐसा कोई अतिरिक्त भुगतान तो नही किया गया। साथ ही सतर्कता विभाग ने 'भविष्य में ऐसी अनियमितताओं दोबारा नही इसके लिए एक प्रणाली स्थापित करने' को भी कहा है।
सवालों के घेरे में भुगतान
विजिलेंस टीम की तरफ से जारी किए गए अलर्ट के बाद भारतीय रेलवे के 16 जोन में राष्ट्रीय तेल कंपनियों को किए गए भुगतान भी सवालों के घेरे में आ गए हैं। जिस पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वो हम तेल कंपनियों को हुए भुगतान की जांच करने के लिए एक आंतरिक ऑडिट करेगें।
रेलवे बड़ी मात्रा में हाई स्पीड डीजल खरीदता है, एक छोटी से गड़बड़ भी करोड़ रुपये का नुकसान करा सकती है। नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे की पांच डिवीजन में डीजल इंजन वाली ट्रेनें कई चलाई जाती हैं और वहां भारी मात्रा में हाई स्पीड डीजल की खरीदारी की जाती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, विजिलेंस डिपार्टमेंट ने रेलवे बोर्ड को पत्र द्वारा बताया है कि तेल कंपनियों के बिलों की जांच करने पर पता चला है कि दामों के तौर पर वसूली गई रकम पास की पेट्रोल पंप की कीमतों से 25 से 40 फीसदी तक अधिक है। यही वजह है कि रेलवे को मिलने वाले तेल की कीमत बढ़ी हुई है।
राशि वसूलना का काम होगा जल्द
विजी लैन्स डिपार्ट्मन्ट के इस पत्र में कहा गया है कि रेलवे बोर्ड के स्तर पर इन मुद्दों की जांच होनी चाहिए, क्योंकि लंबी अवधि के अनुबंधों में प्रवेश करने का मूल उद्देश्य कीमत पर फायद मिलना है जो मिले बिना ही खत्म हो गया है|
सतर्कता विभाग के कहने पर कारवाही करते हुए नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के अधिकारियों ने तेल कंपनियों को हुए अतिरिक्त भुगतान की राशि वसूलने और बाद के बिलों में बाकी राशि को समायोजित करने के लिए जरूरी कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार अतिरिक्त भुगतान रेलवे बोर्ड के तेल कंपनियों के साथ हुए दर अनुबंध के खंड 12 (ए) का उल्लंघन है |