8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए लंबे समय से इंतजार किए जा रहे 8th Pay Commission की संभावना अब समाप्त होती दिख रही है। सरकार ने इस बार पुराने वेतन आयोग की परंपरा को तोड़ते हुए एक नया सिस्टम लागू करने का फैसला किया है। नया सिस्टम, जिसे परफॉर्मेंस बेस्ट पे सिस्टम कहा जा रहा है, कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई और उनके प्रदर्शन के आधार पर तय करेगा।
न्यू वेतन प्रणाली
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि आगामी जनवरी में इस परफॉर्मेंस बेस्ट पे सिस्टम का ट्रायल शुरू होगा। इसके बाद, फरवरी में पेश होने वाले केंद्रीय बजट में इसे औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा। इस नए सिस्टम के तहत, कर्मचारियों की सैलरी को महंगाई दर और उनकी कार्यक्षमता दोनों के आधार पर नियमित रूप से बढ़ाया जाएगा। यह बदलाव पारंपरिक वेतन प्रणाली से हटकर होगा, जहां हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू किया जाता था।
7वें वेतन आयोग से 8वें वेतन आयोग तक का सफर
2016 में लागू हुए 7th Pay Commission ने केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में उल्लेखनीय वृद्धि की थी। इसके तहत सैलरी, पेंशन और भत्तों में कई बदलाव किए गए थे। हालांकि, अब तक यह परंपरा रही थी कि हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू होता था, और कर्मचारियों को उसी के आधार पर वेतन वृद्धि मिलती थी।
वर्तमान में, 8th Pay Commission के बजाय परफॉर्मेंस बेस्ट पे सिस्टम लागू करने का फैसला किया गया है। सरकार का मानना है कि इस बदलाव से पारंपरिक पे कमीशन प्रणाली की जटिलताओं को दूर किया जा सकेगा, जिससे कर्मचारियों को समय पर लाभ मिल सकेगा।
नया सिस्टम कैसे फायदेमंद होगा
महंगाई भत्ते (DA) को इस नए सिस्टम के तहत महंगाई दर के अनुसार बढ़ाया जाएगा, जिससे कर्मचारियों की क्रय शक्ति में सुधार होगा। कर्मचारी अपने प्रदर्शन के आधार पर वेतन वृद्धि प्राप्त करेंगे, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा। वेतन वृद्धि की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाया जाएगा, जिससे कर्मचारियों को एक स्थिर और सुनिश्चित वेतन मिलेगा। कर्मचारियों को समय-समय पर वेतन में वृद्धि मिलती रहेगी, जो उनके प्रदर्शन और महंगाई दर पर निर्भर करेगी।
फरवरी 2024 में बजट में होगी घोषणा
इस नए वेतन सिस्टम के बारे में पूरी रूपरेखा फरवरी 2024 के केंद्रीय बजट में पेश होने की संभावना है। बजट में इसे औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा, और उम्मीद की जा रही है कि यह बदलाव केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा।