सोमवार की स्कूल छुट्टी हुई घोषित, रविवार को खुलेंगे स्कूल School Holiday

By Uggersain Sharma

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School Holiday : 11 जुलाई से शुरू हो रहे सावन मास को लेकर मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर, जो महाकाल की नगरी के नाम से मशहूर है, में खास तैयारियां चल रही हैं। इस पवित्र महीने में शहर के प्रमुख शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। खासतौर पर महाकालेश्वर मंदिर में हर सोमवार को होने वाली शाही सवारी के आयोजन को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है।

बाबा महाकाल की सवारी के दिन छुट्टी, रविवार को स्कूल खोलने का आदेश

सावन महीने के दौरान हर सोमवार को उज्जैन में बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली जाती है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। भीड़ प्रबंधन और यातायात नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन ने एक बड़ा निर्णय लिया है। उज्जैन जिला कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि सावन के सभी सोमवार को शहर के स्कूलों में छुट्टी रहेगी, जबकि इनकी भरपाई के लिए रविवार को स्कूल खोले जाएंगे। इस निर्णय का उद्देश्य है कि सवारी के दिन सड़कों पर भीड़ और ट्रैफिक नियंत्रण में सहूलियत हो, और छात्रों की सुरक्षा भी बनी रहे। लेकिन यह आदेश सियासी बहस का कारण बन गया है।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का विरोध

इस निर्णय को लेकर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने खुलकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा,

“महाकाल की सवारी कोई नई बात नहीं है, यह वर्षों से चली आ रही परंपरा है और हर धर्म के लोग इसमें सम्मानपूर्वक हिस्सा लेते हैं। लेकिन कलेक्टर का यह असमर्थनीय और बेतुका फैसला केवल मुख्यमंत्री को खुश करने के लिए लिया गया है।

आरिफ मसूद ने आगे कहा कि,

“अगर कल किसी अन्य धर्म के लोग इसी तरह की मांग करेंगे तो क्या होगा? फिर तो संविधान के नाम पर दोहरा मापदंड खड़ा हो जाएगा। देश संविधान से चलता है, किसी धर्म विशेष के उत्सवों से नहीं।”

इस बयान से साफ है कि कांग्रेस इसे धर्मनिरपेक्षता और संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ मान रही है।

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का पलटवार

कांग्रेस की आलोचना पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा,

“कांग्रेस का इतिहास ही आतंकवादियों को बिरयानी खिलाने और विदेशी हितों की चमचागिरी करने का रहा है। उन्हें न भारत की संस्कृति की चिंता है और न श्रद्धालुओं की भावनाओं की।”

रामेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि,

“कलेक्टर को जनहित में निर्णय लेने का पूरा अधिकार है। यदि शहर में हजारों लोग एक साथ सड़कों पर निकलते हैं तो स्कूलों की छुट्टी देकर छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी हो जाता है। इसमें गलत क्या है?”

स्कूल प्रशासन और अभिभावकों की मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस निर्णय को लेकर शहर के स्कूल संचालकों और अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं मिली-जुली रही हैं। कुछ लोगों ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि

“छात्रों की सुरक्षा सबसे पहले है और सावन में सवारी के दौरान स्कूल बंद रखना एक व्यवहारिक कदम है।”

वहीं कुछ अभिभावकों ने असहमति जताते हुए कहा कि

“रविवार को स्कूल खोलना बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए अनुचित है। सप्ताह में एक दिन की छुट्टी जरूरी है।”

धार्मिक आयोजन और प्रशासनिक निर्णय: संतुलन की चुनौती

यह मामला केवल एक स्कूल की छुट्टी का आदेश नहीं है, बल्कि इससे जुड़े धार्मिक आयोजन, प्रशासनिक नीति और राजनीतिक विचारधारा भी सामने आ रही है। एक ओर धार्मिक परंपराओं को सम्मान देने का मामला है, वहीं दूसरी ओर संविधान, धर्मनिरपेक्षता और प्रशासनिक संतुलन का सवाल भी खड़ा हो रहा है।प्रशासन को अब इस निर्णय को सभी वर्गों को संतुलन में रखते हुए लागू करने की चुनौती है, ताकि सावन के धार्मिक उल्लास में किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक या सियासी खींचतान बाधा न बने।

Uggersain Sharma

Uggersain Sharma is a Hindi content writer from Sirsa (Haryana) with three years of experience. He specializes in local news, sports, and entertainment, adept at writing across a variety of topics, making his work versatile and engaging.