Manmohan Singh passed away: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी लंबी और प्रभावशाली राजनीति यात्रा, उनकी दूरदर्शी नीतियों, और उनकी विनम्रता ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक अद्वितीय स्थान दिलाया। उनका निधन शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली में हुआ, जिसके बाद देशभर में शोक की लहर दौड़ गई।
डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर उनके आवास 3 मोतीलाल नेहरू रोड पर रखा जाएगा, जहां आज (शुक्रवार) शाम 5 बजे कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें औपचारिक रूप से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। अगले दिन, शनिवार को उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा, जहां आम जनता उन्हें श्रद्धांजलि देगी और यहीं से उनकी अंतिम यात्रा निकलेगी।
डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देशभर से शोक संदेश आ रहे हैं। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी और उन्हें एक प्रतिबद्ध और सद्भावना से भरे हुए नेता बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डॉ. सिंह का जीवन यह संदेश देता है कि कैसे कोई व्यक्ति संघर्षों से उबरकर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
साथ ही, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने डॉ. मनमोहन सिंह के आवास पर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने भी शोक व्यक्त किया, उन्हें एक दूरदर्शी नेता बताते हुए कहा कि डॉ. सिंह ने एक नए, उदार भारत की नींव रखी, जो आज दुनिया में अपनी पहचान बना चुका है।
डॉ. मनमोहन सिंह को हमेशा उनकी दूरदर्शी सोच और गहरी अंतर्दृष्टि के लिए याद किया जाएगा। 1991 में वित्त मंत्री के रूप में उनकी नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाया। उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण, और वैश्वीकरण की नीतियों को अपनाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी।
उनका जीवन एक प्रेरणा है, क्योंकि उन्होंने हमेशा सादगी और ईमानदारी को अपनी प्राथमिकता बनाई। प्रधानमंत्री मोदी ने उनके साथ बिताए समय को याद करते हुए कहा कि डॉ. सिंह हमेशा पार्टी राजनीति से ऊपर उठकर सभी से संपर्क बनाए रखते थे और उनके मार्गदर्शन के लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन एक प्रेरक कहानी है कि कैसे एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्ति ने दुनिया भर में प्रतिष्ठा हासिल की। उनके समय में लागू की गई आर्थिक नीतियों ने भारत को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बना दिया। उन्होंने अपनी सादगी और विनम्रता से देशवासियों के दिलों में एक स्थायी स्थान बनाया।