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जेठ के महीने में भी हल्की ठंड लोगों के लिए बन रही सरदर्दी, मौसम को देखते हुए केदारनाथ यात्रा करनी पड़ी पोस्टपोन

इस आर्टिकल में, हम मई में दिल्ली-एनसीआर में दिखाई देने वाले कोहरे, मौसम में बदलाव और आने वाले दिनों के लिए मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर चर्चा करेंगे। साथ में हम आंधी और बिजली गिरने के कारण हिमाचल प्रदेश के लिए जारी येलो अलर्ट के और उत्तराखंड में केदारनाथ की यात्रा को पोस्टपोंड करने को भी कवर करेंगे।

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kedarnath journey postpond

इस आर्टिकल में, हम मई में दिल्ली-एनसीआर में दिखाई देने वाले कोहरे, मौसम में बदलाव और आने वाले दिनों के लिए मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर चर्चा करेंगे। साथ में हम आंधी और बिजली गिरने के कारण हिमाचल प्रदेश के लिए जारी येलो अलर्ट के और उत्तराखंड में केदारनाथ की यात्रा को पोस्टपोंड करने को भी कवर करेंगे।

मौसम बार बार क्यों बदल रहा हैं ?

उत्तर भारत में वर्तमान मौसम की कंडीशन के पीछे बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की संभावना और एक पश्चिमी विक्षोभ का हाथ है। इन दो मौसम सिस्टमों की वजह से बार बार मौसम चेंज हो रहा है , जिससे कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश, आंधी, बिजली और यहां तक कि बर्फबारी भी हुई है।

आने वाले दिनों में बारिश और गरज के साथ छींटे

मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि पूरे उत्तर भारत में अगले तीन-चार दिनों तक आसमान में बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होगी। इस बीच, हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में शुक्रवार तक आंधी और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश समेत कई हिमालयी क्षेत्रों में भारी बारिश की भी भविष्यवाणी की है।

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बर्फबारी के कारण केदारनाथ यात्रा पोस्टपोंड

केदारनाथ में हाल ही में हुई बर्फबारी ने अधिकारियों को चार धाम की तीर्थ यात्रा को फिलहाल के लिए पोस्टपोंड करने के लिए मजबूर कर दिया है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड में स्थित बाकि हिमालयी मंदिरों के लिए भी 4 मई तक इसी तरह के मौसम की भविष्यवाणी की है। स्पेशली केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों को सलाह दी जा रही है कि वे जहां हैं वहीं रहें और आगे की घोषणाओं का इंतजार करें।

समुद्री यात्रा से बचें 

मौसम विभाग ने 9 मई के आसपास चक्रवाती तूफान के लिए जिम्मेदार कंडीशनों का संकेत देने के साथ गर्मियों में आने वाले तूफान का अलर्ट जारी किया है। सलाह के तौर पर समुद्र के किनारे रहने वालों को 7 मई से समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। हालांकि, तूफान कब तक आएगा ये पता नहीं चला है। 

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खेती और इकॉनमी पर असर

उत्तर भारत में बदलते हुए मौसम की घटना का क्षेत्र की खेती और इकॉनमी पर गहरा असर पड़ सकता है। भारी बारिश और बाढ़ से फसलों को नुकसान हो सकता है, जबकि आंधी और बिजली गिरने से बिजली गुल हो सकती है और परिवहन में बाधा आ सकती है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को कंडीशन की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए और संभावित नुकसान को कम करने के लिए उचित उपाय करने चाहिए।