Inspire Award Scheme: हरियाणा के रेवाड़ी जिले के सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों से इंस्पायर अवॉर्ड योजना के तहत 15 सितंबर तक नए और क्रांतिकारी आइडिया मांगे गए हैं। यह योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विद्यार्थियों की रुचि को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। आज हम इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और बताएंगे कि कैसे यह योजना विद्यार्थियों की नई तकनीकों को प्रोत्साहन दे रही है।
इंस्पायर अवॉर्ड योजना
इंस्पायर अवॉर्ड मानक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा संचालित एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसका मुख्य उद्देश्य मेधावी छात्रों में विज्ञान की पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करना और उन्हें वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के तहत छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों से नए और व्यावहारिक आइडिया मांगे जाते हैं। जिन्हें चयनित करने पर उन्हें दस हजार रुपये की अवॉर्ड राशि प्रदान की जाती है। यह राशि छात्रों द्वारा विज्ञान का एक प्रोजेक्ट या मॉडल बनाने और उसे जिला स्तरीय प्रदर्शनी प्रतियोगिता स्थल तक पहुंचाने के लिए उपयोग की जाती है।
रेवाड़ी जिले के विद्यार्थियों से आइडिया मांगने की प्रक्रिया
रेवाड़ी जिले के सरकारी और निजी स्कूलों के छठी से दसवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों से इंस्पायर अवॉर्ड योजना के तहत नए आइडिया मांगे गए हैं। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को अपने आइडिया के साथ एक मॉडल भी तैयार करना होगा। यह मॉडल व्यावहारिक, सामाजिक उपयोगिता, पर्यावरण की अनुकूलता, नवीनता और वर्तमान तकनीक से बेहतरी के आधार पर होना चाहिए।
अब तक जिले के केवल 90 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। जबकि विभाग ने प्रत्येक खंड से 200 आवेदन कराने के निर्देश दिए हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो जिले में इंस्पायर अवॉर्ड योजना की रफ्तार काफी धीमी चल रही है। इसे देखते हुए एक विभागीय मीटिंग भी रखी गई। जिसमें यह निर्णय लिया गया कि विद्यार्थियों को इस योजना के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी दी जाए। ताकि वे इसमें अधिक रुचि दिखा सकें और अपने आइडिया प्रस्तुत कर सकें।
पिछले वर्ष की सफलता और उम्मीदें
पिछले वर्ष रेवाड़ी जिले के चार विद्यार्थियों के आइडिया चयनित हुए थे। शिक्षा अधिकारियों का मानना है कि इस बार यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा। विभाग ने विद्यार्थियों को प्रेरित करने के लिए स्कूलों में विशेष लैब भी बनाई हैं। जहां वे अपने आइडिया पर काम कर सकते हैं। ये लैब्स विद्यार्थियों को उनके आइडिया को हकीकत में बदलने के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन प्रदान करती हैं।
शिक्षा विभाग का उद्देश्य और दिशा
रेवाड़ी के जिला विज्ञान विशेषज्ञ रेनू यादव के अनुसार इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को नई तकनीकों के लिए प्रेरित करना है, ताकि उनकी सोचने की क्षमता बढ़ सके और वे समाज के लिए उपयोगी आविष्कार कर सकें। इस दिशा में विभाग ने सभी स्कूल मुखियाओं को निर्देश दिए हैं कि वे विद्यार्थियों को इस योजना के बारे में जागरूक करें और उन्हें अपने आइडिया प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित करें।