वर्तमान अर्थयुग में जहां नए-नए बिजनेस की शुरुआत हो रही है। वहीं किसान भी अपने पारंपरिक खेती के क्षेत्र से आगे बढ़कर विभिन्न आधुनिक बिजनेस में हाथ आजमा रहे हैं। आज हम उन नए अवसरों की चर्चा करेंगे जो किसानों के सामने आ रहे हैं और उन्हें कैसे बंपर कमाई के मौके प्रदान कर रहे हैं।
खेती से इतर बिजनेस मॉडल
आज के समय में किसान खेती के अलावा पशुपालन, मछली पालन, पोल्ट्री फार्मिंग, और डेयरी फार्मिंग जैसे अन्य कृषि से जुड़े बिजनेस में भी सक्रिय रूप से शामिल हो रहे हैं। ये विकल्प न केवल उनकी आय के स्रोतों को विस्तारित करते हैं। बल्कि कृषि क्षेत्र में उनकी निर्भरता को भी कम करते हैं।
बेमौसमी चुनौतियाँ और पैक हाउस की स्थापना
बदलते मौसमी पैटर्न के कारण किसानों के लिए अपनी उपज को संभालना एक बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे में पैक हाउस की स्थापना जो फलों और सब्जियों को सुरक्षित तरीके से रखने में मदद करती है। उनके लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो रही है। यह उपज को लंबे समय तक ताजा रखने और बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायक है।
बिहार सरकार की सब्सिडी योजना
बिहार सरकार ने पैक हाउस स्थापना के लिए 50 से 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान करने की योजना शुरू की है। यह सब्सिडी विशेष रूप से उन किसानों के लिए है जो अपनी उपज को विदेशों में निर्यात करने के इच्छुक हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन्हें वैश्विक बाजारों के लिए तैयार करना और उनकी आय में वृद्धि करना है।
पैक हाउस बिजनेस के लिए आवेदन प्रक्रिया
किसी भी इच्छुक किसान या उद्यमी को पैक हाउस स्थापित करने के लिए बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया में आवेदक को विस्तृत विवरण और योजना के तहत अपनी पात्रता साबित करनी होती है। योजना के अनुसार आवेदन के बाद एक निरीक्षण समिति द्वारा स्थल का मूल्यांकन किया जाता है और योग्यता सिद्ध होने पर सब्सिडी जारी की जाती है।