Farming Tips: भारतीय किसानों के लिए लकड़ी की खेती एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभर रही है. खासकर जब बात आती है इमारती लकड़ी (construction timber) की तो यह न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि अच्छे रिटर्न का वादा भी करती है. किसान अब ऐसी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं जो उन्हें 10-12 सालों में लाखों यहाँ तक कि करोड़ों का लाभ दिला सकें.
सागवान और साल
सागवान (Teak wood) की लकड़ी के लिए जाना जाता है इसकी मजबूती और दीर्घकालिक टिकाऊपन के लिए. एक सागवान का पेड़ बाजार में ₹40,000 से लेकर ₹1,00,000 तक में बिक सकता है. साल (Sal wood) की लकड़ी भी किसी से पीछे नहीं है. यह घर बनाने और रेलवे स्लीपर्स बनाने में उपयोगी मानी जाती है और इसके पेड़ की ऊंचाई 300 से 400 फीट तक होती है.
शीशम और देवदार
शीशम (Sheesham wood) फर्नीचर निर्माण में बेहद प्रिय है. क्योंकि यह सजावटी सामान और फर्श बनाने में शानदार रहता है. शीशम के पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और इसका एक पेड़ ₹30,000 से लेकर लाखों तक में बिक सकता है. देवदार (Deodar wood) की लकड़ी न केवल मजबूत होती है बल्कि इसमें दीमक नहीं लगती. जिससे इसे फर्नीचर निर्माण के लिए अच्छा माना जाता है.
महोगनी और यूकेलिप्टस
महोगनी (Mahogany wood) की कीमत प्रति घन फीट के हिसाब से तय होती है और यह प्रति पेड़ ₹50,000 तक में बिक सकती है. यूकेलिप्टस (Eucalyptus) जिसे सफेदा भी कहा जाता है. इसकी खेती से आप 10-12 सालों में 10 से 12 लाख रुपये कमा सकते हैं. इसके पेड़ एंटीसेप्टिक, इत्र और सौंदर्य प्रसाधन में उपयोग किए जाते हैं.
वृक्षारोपण से आर्थिक समृद्धि
इन सभी पेड़ों की खेती किसानों को न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध बना सकती है बल्कि पर्यावरण के संरक्षण में भी योगदान दे सकती है. इस प्रकार की खेती से किसानों को दीर्घकालिक लाभ होता है और यह उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है.