यूपी की योगी सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की पुरानी मांग को पूरा करने की दिशा में प्रगति की है। इस निर्णय के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने उन कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प प्रदान किया है जिनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 के बाद हुई थी लेकिन उनके नियुक्ति के विज्ञापन एनपीएस लागू होने से पहले जारी हो चुके थे। यह प्रस्ताव मंगलवार को प्रदेश कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्राप्त कर चुका है।
कौन-कौन से कर्मचारी शामिल?
इस नई व्यवस्था का लाभ उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारी, परिषदीय विद्यालयों के कर्मचारी, शासन से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों और राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी उठा सकेंगे। इस निर्णय के पीछे की भावना यह है कि हर कर्मचारी को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा प्राप्त हो सके।
राजनीतिक प्रभाव और कर्मचारियों का प्रतिक्रिया
योगी सरकार के इस निर्णय को आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कर्मचारियों के बीच इसे एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है खासकर जब यह देखा गया कि पिछले दो चुनावों में भाजपा को कर्मचारियों का समर्थन कम मिला था। इस कदम के बाद सरकार कर्मचारियों के बीच अपनी छवि सुधारने की उम्मीद कर रही है।
विद्युत निरीक्षकों की नई नियमावली
इसके अलावा प्रदेश कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश मुख्य विद्युत निरीक्षक और विद्युत निरीक्षकों के कार्य अहर्ताएं और शक्तियां नियमावली-2024 को भी मंजूरी दी है। यह नियमावली विद्युत सुरक्षा निदेशालय के कार्यकलापों को सुव्यवस्थित करेगी और विद्युत सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद करेगी। इसके तहत विद्युत निरीक्षकों के लिए नए मानक और प्रक्रियाएँ स्थापित की गई हैं, जो उपभोक्ताओं के हित में होंगी।