भारतीय विकास की दिशा में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वाकांक्षी कदम उठाया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को एक आधुनिक ‘सोलर एक्सप्रेस वे’ के रूप में विकसित करने की योजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। इस योजना के तहत 1700 हेक्टेयर भूमि पर यूपी का सबसे लंबा सोलर पार्क बनाने की तैयारी है, जो 450 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन करेगा।
बुंदेलखंड के विकास की प्रतिबद्धता
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने घोषणा की है कि वर्ष 2028 तक इस क्षेत्र में 36 हजार एकड़ भूमि पर एक नया औद्योगिक शहर विकसित किया जाएगा। जिसका ढांचा नोएडा की तर्ज पर होगा। इस योजना के साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर भी सोलर पार्क विकसित करने की योजना है जो पर्यावरण के अनुकूल होगी।
सेमिनार का आयोजन और योजनाओं का विकास
9 अगस्त को विशेषज्ञों का एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा जिसमें सोलर पार्क विकसित करने के लिए विचार-विमर्श किया जाएगा। इस सेमिनार में सोलर एनर्जी विशेषज्ञों के साथ-साथ योजना से जुड़े सभी स्टेट होल्डर्स भाग लेंगे। यह सेमिनार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सोलर एक्सप्रेस-वे में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की संरचना और सोलर पार्क
इस एक्सप्रेस-वे की भूमि का उपयोग करते हुए। यहां एक विशाल सोलर पार्क बनाया जाएगा। जिसमें 450 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन की क्षमता होगी। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 2,500 करोड़ रुपये आंकी गई है। जिसे बिल्ड ओन एंड ऑपरेट (BOO) मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
पर्यावरणीय संरक्षण और उद्योगिक विकास
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना के अंतर्गत 25 हजार पेड़ लगाने की भी योजना है। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा। बल्कि स्थानीय जनसंख्या के लिए एक स्वस्थ और स्थायी वातावरण प्रदान करेगा।