मौसम विभाग द्वारा आज पूरे प्रदेश में मध्यम से भारी वर्षा की संभावना जताने के साथ एक बार फिर मानसून की सक्रियता से किसानों और आम नागरिकों के चेहरे पर उम्मीद की चमक लौट आई है। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और यमुनानगर जैसे जिलों के लिए जारी किए गए ऑरेंज अलर्ट ने स्थानीय प्रशासन को भी सचेत कर दिया है।
वर्षा की कमी से परेशानी
प्रदेश में अब तक की गई वर्षा सामान्य से 42 प्रतिशत कम है। जिसने खेती-किसानी पर गहरा असर डाला है। धान और अन्य मानसूनी फसलों की बुवाई पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा है। मौसम विभाग के अनुसार जुलाई के अंतिम दिनों में होने वाली वर्षा से इस कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकता है।

मानसूनी गतिविधियां और प्रभाव
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मानसूनी गतिविधियां सक्रिय हैं और यह सिस्टम दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ रहा है। इस गतिविधि के चलते अगले 24 से 48 घंटों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है।
कृषि पर प्रभाव और किसानों की चिंताएं
इस वर्ष कम हुई वर्षा के कारण कई किसानों ने धान की फसल की रोपाई नहीं की है। जिन क्षेत्रों में रोपाई हुई भी है, वहां फसलों को नुकसान पहुंचा है। आने वाली वर्षा से किसानों को उम्मीद है कि वे अपनी खोई हुई फसलों को कुछ हद तक बचा सकेंगे।
सूखे की स्थिति और संभावित सुधार
जिलों में सूखे जैसी स्थिति बन गई है। जिससे खेत सूख गए हैं और फसलें मुरझा गई हैं। अगले कुछ दिनों में अच्छी वर्षा की संभावना से किसानों को एक बार फिर रोपाई और सिंचाई का मौका मिल सकता है, जो कि इस क्षेत्र के लिए जरूरी है।














