Haryana Weather Alert: हरियाणा के कई हिस्सों में इस वर्ष मानसून ने अपनी जोरदार दस्तक दी है. महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात, पलवल, भिवानी, और चरखी दादरी समेत राज्य के कई इलाकों में तेज बारिश का अलर्ट मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया है. इन क्षेत्रों में 16 अगस्त तक मानसून सक्रिय रहने की संभावना है. जिससे 15 और 16 अगस्त को भारी वर्षा होने की आशंका है. हालांकि अगस्त महीने तक वर्षा 24 प्रतिशत कम दर्ज की गई है. फिर भी आने वाले दिनों में यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है.
चंडीगढ़ का मौसम अपडेट
हरियाणा के न्यूनतम तापमान इस समय 27 डिग्री सेल्सियस के पार दर्ज किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक दिनभर हल्की बारिश की संभावना है और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार जाने की उम्मीद है. गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक और सोनीपत में मध्यम वर्षा हो सकती है. चंडीगढ़ में भी सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं और यहां भी बारिश होने की संभावना बनी हुई है.
नदियों में उफान और जलभराव की स्थिति
पहाड़ों और मैदानों में हो रही बारिश के कारण मारकंडा नदी खतरे के निशान से ऊपर चली गई है. पिछले 24 घंटे में नदी का बहाव 33 हजार क्यूसेक से अधिक हो गया है, जो कि खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर ऊपर है. कुरुक्षेत्र के आसपास बसे गांवों में नदी का पानी घुस गया है. जिससे खेतों में भी पानी घुसने की स्थिति बनी हुई है. इससे फसलों पर भी प्रभाव पड़ा है. सोम नदी का बहाव कम हुआ है. लेकिन खेतों में रेत आ गई है, जिससे फसलें तबाह हो गई हैं.
बाढ़ जैसे हालात और उनके परिणाम
यमुनानगर के बमनोली के पास सोम नदी की पटरी टूटने से आसपास के गांव डूब गए हैं. लोग अपने घरों की छतों पर चढ़कर पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं. गुरुग्राम के सेक्टर 70 में बारिश के बाद सड़क धंस गई है और जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. इससे सड़कों पर वाहन फंसे हुए हैं और कई गाड़ियां पानी में डूबी हुई नजर आ रही हैं. अंबाला में हुई बारिश से शहर जलमग्न हो गया है. जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है.
स्कूल, किसान और आमजन पर बारिश का असर
हरियाणा के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण जलभराव से तालाब जैसी स्थिति बनी हुई है. इसके कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं और कई स्कूलों को बंद करना पड़ा है. मानसून की तेज रफ्तार से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण जहां लोग घरों की छत पर बैठकर जान बचा रहे हैं. वहीं किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है.