Haryana IMD Alert: हरियाणा में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग ने 30 और 31 जुलाई को राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस बारिश के चलते राज्य के कई हिस्सों में जलभराव और अन्य संबंधित समस्याओं की संभावना है। जिससे दैनिक जीवन पर प्रभाव पड़ सकता है। विशेष रूप से चंडीगढ़, पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, करनाल और पानीपत में 30 जुलाई को और उसके बाद 31 जुलाई को 15 जिलों में विशेष तौर पर अलर्ट रहेगा।
मौसम अपडेट
मौसम विभाग के अनुसार 30 जुलाई के दौरान हरियाणा के अधिकतर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। लेकिन कुछ स्थानों पर तेज बारिश की भी संभावना है। इस दौरान तेज हवाएँ भी चलने की आशंका है, जो दिन के तापमान में कमी ला सकती हैं। इस तरह का मौसम खेती के लिए तो लाभदायक हो सकता है। लेकिन शहरी इलाकों में जलभराव की समस्या को बढ़ा सकता है।

जुलाई के माह में बारिश की कमी
इस वर्ष जुलाई में हरियाणा में सामान्य से 35% कम बारिश दर्ज की गई है। आमतौर पर इस माह में लगभग 130.2 मिमी बारिश होती है। लेकिन इस साल केवल 84.1 मिमी वर्षा हुई। हालांकि पिछले 24 घंटे में जीटी बेल्ट के जिलों में कुछ बारिश दर्ज की गई है। जिससे कुछ राहत मिली है। पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, सोनीपत, अंबाला, यमुनानगर, सिरसा, दादरी, पलवल, पंचकूला और रोहतक जैसे जिलों में वर्षा की मात्रा का विवरण प्रदान किया गया है।
आगामी दिनों के लिए सावधानियाँ
मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया अलर्ट राज्य के निवासियों और प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। जलभराव, बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटने के लिए पूर्व तैयारी अत्यंत आवश्यक है। सरकार और स्थानीय निकायों को चाहिए कि वे नालियों की सफाई, बाढ़ नियंत्रण कक्षों की स्थापना और आपातकालीन बचाव दलों को अलर्ट पर रखें। निवासियों को भी सलाह दी जाती है कि वे अत्यधिक आवश्यक न होने पर यात्रा करने से बचें और मौसम संबंधी अपडेट्स का ध्यान रखें।
मानसून की भविष्यवाणी और कृषि पर प्रभाव
इस मानसून सीजन के दौरान किसानों को विशेष रूप से जानकारी प्रदान की जानी चाहिए। खेती के लिए उचित समय पर वर्षा होना कृषि उत्पादन के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। अतः कृषि विभाग को चाहिए कि वह किसानों को आगामी बारिश के बारे में सटीक जानकारी और सलाह प्रदान करे। जिससे वे अपनी फसलों की बुवाई और देखभाल के लिए उचित योजना बना सकें।