UP Expressways: उत्तर प्रदेश अब तेजी से एक्सप्रेसवे के जाल से जुड़ता जा रहा है. जहां चार मुख्य एक्सप्रेसवे के निर्माण और उनके मानकीकरण की दिशा में काम किया जा रहा है. यह कार्य यात्रा को अधिक सुविधाजनक और तेज बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है.
यूपीडा की तैयारी और तकनीकी पहल
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) ने विशेष तकनीकी सुविधाओं से युक्त वाहनों का उपयोग कर एक्सप्रेसवे पर राइडिंग क्वालिटी और आराम के स्तर को मापने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है.
ट्रायल और परीक्षण
इन विशेष वाहनों का पहला ट्रायल ग्रेटर नोएडा के बुद्धा इंटरनेशनल सर्किट पर किया गया था और अब यह गंगा एक्सप्रेसवे सहित अन्य एक्सप्रेसवे पर भी किया जाएगा.
परीक्षण के पैमाने और मापदंड
इस परीक्षण के दौरान एक्सप्रेसवे पर वाहन की गति के साथ झटके और उछाल की मात्रा को मापा जाएगा. जिससे यात्रा के आराम और सुरक्षा स्तर का सही आंकलन किया जा सके.
गंगा एक्सप्रेसवे की सुविधाएं और विशेषताएं
गंगा एक्सप्रेसवे को उच्च तकनीकी सुविधाओं से लैस किया जाएगा जैसे कि आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर, कस्टम यूजर इंटरफेस और क्लाउड स्टोरेज की सुविधाएं जो यात्रियों के लिए यात्रा को और भी आरामदायक बनाएंगी.
अन्य एक्सप्रेसवे पर भी होगा परीक्षण
इस परीक्षण को गंगा एक्सप्रेसवे के साथ-साथ आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर भी किया जाएगा.
गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई और निर्माण का प्रगति
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा है और इसकी कुल लंबाई करीब 594 किलोमीटर है. इसका निर्माण तेजी से चल रहा है और 2025 तक इसके पूरा होने की योजना है.