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लंच के बाद पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को आती है ज्यादा नींद, जाने इसके पीछे की असली वजह

दोपहर का खाना खाने के बाद अधिकांश लोगों को सुस् ती आती है। ऑफिस में बैठे-बैठे भी कई लोग झपकी लेने लगते हैं।
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लंच के बाद पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को आती है ज्यादा नींद

दोपहर का खाना खाने के बाद अधिकांश लोगों को सुस् ती आती है। ऑफिस में बैठे-बैठे भी कई लोग झपकी लेने लगते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को भोजन के बाद एक "पावर नैप" लेने का मौका भी देती हैं ताकि वे जागने पर खुश हों।

इससे उनकी क्षमता में सुधार होता है। लंच के बाद घर में रहने वालों के लिए छाने वाली सुस् ती बहुत छोटी नहीं है। वहीं, ये कार्यस्थल पर काम करने वालों के लिए समस्या बन जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि लंच के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक नींद की जरूरत होती है। इसे "गर्ल नैप" कहते हैं।

गर्ल नैप का बहुत सारा कारण हो सकता है। विशेषज्ञों को पता है कि दोपहर 3 बजे से 5 बजे के बीच, यानी लंच के कुछ देर बाद, हमारी एकाग्रता क् यों बिगड़ने लगती है? वहीं, वे भी यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि महिलाओं को अधिकतर क्यों "पावर नैप" की आवश्यकता होती है?

लंच करने के बाद आप झपकी लेने की इच्छा महसूस करने लगते हैं। हम इस दौरान कुछ कर रहे हैं तो उसमें गलती होने की संभावना बहुत अधिक है। दुर्घटना की आशंका भी रहती है अगर आप मशीन से जुड़े काम कर रहे हैं या कंस्ट्रक् शन साइट पर काम कर रहे हैं।

लंच के बाद आपको क्यों लगता है कि आपको ऊर्जा की जरूरत है

अमेरिका के नेशनल स्लीप फाउंडेशन ने एक अध्ययन में पाया कि दिन में दो बार ऐसा समय आता है जब लोग सबसे सतर्क रहते हैं। सुबह दो बजे से सात बजे तक और दोपहर दो बजे से पांच बजे तक ये दो बार आते हैं। पहले तो बहुत से लोग गहरी नींद में खो रहे हैं।

वहीं, दूसरा चरण सबसे कठिन होता है। आप इस दौरान जागकर काम कर रहे हैं। दरअसल, दोपहर के भोजन के बाद हमारा शरीर पाचन करता है। साथ ही रक् त में शुगर को नियंत्रित रखने के लिए इंसुलिन भी जारी किया जाता है। इससे स्वाभाविक रूप से ऊर्जा का स्तर गिरता है। लंच के बाद लोग थक जाते हैं और थोड़ी देर की नींद या पावर नैप की जरूरत महसूस होती है।

महिलाओं को पावर नैप की क्यों जरूरत है?

लंच के बाद का खाना "पोस्टप्रैंडियल डिप" कहलाता है। ये रक्तचाप में कमी और शरीर की प्राकृतिक सर्कैडियन रिदम से होता है। नींद को बढ़ावा देने वाले मेलाटोनिन जैसे हार्मोन भी इसमें महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। ये सभी कारणों से दोपहर को भारी भोजन के साथ झपकी लेने की इच्छा होती है।

यद्यपि, महिलाओं के हार्मोनल बदलाव, खासकर मासिक धर्म, इस थकान को बढ़ा सकते हैं। इंडियन एक्सप्रेस को नवी मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में प्रसूति-स् त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. बंदिता सिन्हा ने बताया कि मासिक धर्म के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बढ़ता है। ये हार्मोन महिलाओं को लंच के बाद दोपहर की झपकी लेने की जरूरत बढ़ाता है।

महिलाओं की अधिक नींद की वजह भी अपेक्षाएं हैं।

लंदन की लाबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि महिलाओं को पुरुषों से 20 मिनट अधिक नींद की जरूरत होती है क्योंकि हमारे दिमाग की प्रक्रिया इस तरह काम करती है। अध्ययन स्पष्ट रूप से बताते हैं कि महिलाओं को पुरुषों से अधिक नींद की जरूरत है।

महाराष् ट्र में पुणे के प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. कोमल भादू का कहना है कि महिलाओं की मानसिक थकान हार्मोन, मासिक धर्म और सामाजिक अपेक्षाओं के पेचीदा जाल से बढ़ती है। इसलिए उन्हें अधिक नींद की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं की अधिक नींद की जरूरत उनकी कठिन संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं और कई कार्यों से जुड़ी है जो वे करती हैं।

सेरोटोनिन हार्मोन भी ज्यादा नींद देता है।

महिलाओं को ज्यादा नींद की जरूरत को लेकर किए गए शोध बेशक सीमित हैं, लेकिन इसके वास्तविक साक्ष्य बहुत हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि खाना खाने के बाद कुछ लोगों में सेरोटोनिन तेजी से बनने लगता है। इससे उनका मन थक जाता है। शरीर में सेरोटोनिन हॉर्मोन कई कार्यों को नियंत्रित करता है।

शरीर में यह हार्मोन एंटीडिप्रेसेंट का काम भी करता है। डॉक् टर्स कहते हैं कि प्रोटीन शरीर में सेरोटोनिन बढ़ाता है। पनीर, सोयाबीन और अंडे खाने से नींद आती है। वहीं, लंच के बाद कुछ लोगों को डायबिटीज, फूड एलर्जी, स् लीप एप्निया, एनीमिया, थायरॉइड या पाचन संबंधी समस्याओं से भी नींद आ सकती है।