बिना CCTV कैमरा के पुलिस को ऐसा पता चलता है कि किस डिब्बे में खिंची है ट्रेन की चैन, जाने कैसे काम करती है रेल्वे की ये तकनीक

क्या आप जानते हैं की ट्रेन में सीसीटीवी कैमरा ना होने के बावजूद भी यह कैसे पता लगाया जाता है कि किस डिब्बे में चैन को खींचा गया है. अगर आपने भी कभी ट्रेन से सफर किया हो तो आपने भी यह जरूर पाया होगा कि कभी-कभी ट्रेन बेवक्त कहीं भी रुक जाती है. इसका प्रमुख कारण चेन पुलिंग होता है.
हर एक डब्बे में चेन पुलिंग का सिस्टम लगाया जाता है. जिससे किसी भी आपातकालीन घटना होने से पहले और समय रहते उसे रोका जा सके. परंतु कभी- कभी कुछ शरारती तत्व बेवजह ही चेन पुलिंग कर देते हैं. इसके लिए भी रेलवे के पास एक खास उपाय है
भारतीय रेलवे ऐसी तकनीक इस्तेमाल करती है, जिसके द्वारा यह पता चल जाता है कि चेन पुलिंग किस डब्बे में की गई है और इसके निर्देश अनुसार पुलिस उसे बेवजह चेन पुलिंग करने वाले यात्री को जाकर पकड़ लेती है.
आखिर कैसे पता चलता है की चेन पुलिंग किस डब्बे में की गई है
जैसे ही आप किसी भी डब्बे से चेन पुलिंग करते हैं. वैसे ही उसके ऊपर लगा एक वाल्व घूम जाता है और यह कंट्रोलरूम को किस डब्बे में चेन पुलिंग की गई है, इस बात की जानकारी देता है. साथ ही यदि किसी डब्बे में चेन पुलिंग की जाती है तो वहां से और प्रेशर लीक होता है, जिसकी आवाज सुनकर पुलिस उसे डब्बे तक पहुंच जाती है और बेवजह चेन पुलिंग करने वालों पर कार्यवाही करती है.
कब खींच सकते हैं चेन
आपको बता दे की ट्रेन का चेन पुल करना कोई गुनाह नहीं है. यदि इसके पीछे पर्याप्त सही कारण हो. यदि आपके परिवार का सदस्य छूट गया हो या आप अपने प्लेटफार्म पर नहीं उतर पाए हो तथा अन्य आपातकालीन स्थिति हो जैसे किसी का कोई समान तथा कोई व्यक्ति ट्रेन की पटरियों के बीच फंस गया हो तब चेन पुलिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है.
परंतु कुछ शरारती लोग बिना वजह चेन पुलिंग करते हैं. कुछ लोग तो अपने घर के सामने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रोक देते हैं और जब तक पुलिस वहां पर पहुंचती है. वह अपने घर में चले जाते हैं, ऐसे शरारती तत्वों को सबक सिखाने के लिए और ट्रेन में लूटपाट की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार ने चेन पुलिंग के लिए नियम बनाए हैं, जिसके अनुसार बिना वजह चेन पुलिंग करने पर आपको जुर्माना देना पड़ सकता है.