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भारतीय नोटों पर क्यों लिखा होता है 'मैं धारक को...रुपये अदा करने का वचन देता हूं', जाने क्या होता है इसका मतलब

अगर हमें बाजार से कुछ खरीदना है, तो हमें रुपये में भुगतान करना होगा। ये रुपये या तो कागज के नोट या सिक्के हो सकते हैं। नोटबंदी की प्रक्रिया कुछ महीने पहले हुई और इसके परिणामस्वरूप पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटा दिया गया, जबकि अद्यतन डिजाइन और आकार वाले नए नोट पेश किए गए।
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भारतीय नोटों पर क्यों लिखा होता है 'मैं धारक को...रुपये अदा करने का वचन देता हूं

अगर हमें बाजार से कुछ खरीदना है, तो हमें रुपये में भुगतान करना होगा। ये रुपये या तो कागज के नोट या सिक्के हो सकते हैं। नोटबंदी की प्रक्रिया कुछ साल पहले हुई और इसके परिणामस्वरूप पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटा दिया गया, जबकि अद्यतन डिजाइन और आकार वाले नए नोट पेश किए गए। आज हम इन्ही नोटों से जुड़ी ख़ास बातें आपको बताने वाले है तो इस आर्टिकल को लास्ट तक ज़रूर पढ़े.

क्या है इस लाइन का मतलब

भारतीय मुद्रा जारी करने और परिचालित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक जिम्मेदार है। सभी नए  और पुराने नोटों पर एक लाइन आपने ज़रूरी पढ़ी होगी - "मैं धारक को भुगतान करने का वादा करता हूं ... रुपये।" यह वाक्य बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि जिसके पास नोट होगा उसे पूरा भुगतान किया जाएगा।

नोटों पर बनी तिरछी लाइनों का भी है ख़ास महत्व

इसके अलावा अगर आपने गौर किया हो तो 100, 200, 500 और 2000 रुपए के नोटों के किनारों पर 'ब्लीड मार्क्स' नाम की रेखाएं होती हैं। ये निशान असल में नेत्रहीनों के लिए बने होते हैं और इन्हें छूकर वो लोग जान सकते हैं कि नोट की कीमत कितनी है. इसलिए 100, 200, 500 और 2000 रुपए के नोटों पर अलग-अलग नंबर के निशान होते हैं।

इस एक नोट पर नही होते RBI गवर्नर के हस्ताक्षर

भारतीय मुद्रा में 1 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक के नोट शामिल हैं। आरबीआई गवर्नर इन सभी नोटों के लिए मूल्य निर्धारित करता है। इसके अलावा, एक रुपए के नोट को छोड़कर बाकी सभी नोटों पर आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। क्योंकि, एक रुपये के नोट पर भारत के वित्त सचिव के हस्ताक्षर खुदे होते हैं।