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बॉर्डर के तारों पर किस कारण टांगी जाती है कांच की बोतलें, वजह जानकर तो आप भी करेंगे सैल्यूट

सर्दी का मौसम कोहरा लाता है। जब कोहरा छाया होता है और आप दूर-दूर नहीं देख सकते, तो ज़रा सोचिए बॉर्डर पर क्या हाल होता होगा
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सर्दी का मौसम कोहरा लाता है। जब कोहरा छाया होता है और आप दूर-दूर नहीं देख सकते, तो ज़रा सोचिए बॉर्डर पर क्या हाल होता होगा? यही कारण है कि सर्दी आते ही भारत-पाक सीमा पर उच्च अलर्ट लगाया जाता है, ताकि सीमा पर बैठे दुश्मन देश में प्रवेश नहीं कर पाएं। सर्दी के समय में बॉर्डर पर जवानों की गश्त भी बढ़ा दी जाती है, लेकिन अब बॉर्डर पर एक और बाहरी जुगाड़ किया जाता है। यह सुनकर आपको बहुत देसी लगेगा। हमारे देश की सेना देसी अलार्म का उपयोग कर रही है। 

खाली बियर बोतलों को क्यों टांगा जाता है?

बीएसएफ के इस अलार्म में खाली बोतलें हैं। राजस्थान से जम्मू तक तारबंदी पर बीएसएफ ने खाली बोतलें टांगी हुई हैं। ऐसा इसलिए किया गया है कि अगर कोई तारों को छूता है तो बोतल टकराकर बजने लगेंगी, जिससे हमारे जवान अलर्ट हो जायेंगे। जब जवानों को पता चलता है कि कोई दुश्मन हमारी सरहद में घुसने का प्रयास कर रहा है, तो वे कार्रवाई करने लगते हैं। इससे दुश्मन सर्दी के घने कोहरे में भी हमारे देश में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। 

भारत और पाकिस्तान का बॉर्डर कितना लंबा हैं?

जानकारी के अनुसार, भारत-पाकिस्तान बॉर्डर 3323 किमी लंबा है। पाकिस्तान-जम्मू-कश्मीर बॉर्डर की लंबाई 1225 किमी है, राजस्थान-पाकिस्तान बॉर्डर की 1037 किमी, पंजाब-पाकिस्तान बॉर्डर की 553 किमी और गुजरात-पाकिस्तान बॉर्डर की 508 किमी है।

हमारे देश के युवा दिन-रात चौकन्ने होकर इन सभी बॉर्डर पर देश की रक्षा करते हैं। जानकारी यह भी है कि दुश्मन श्रीगंगानगर का बॉर्डर हमेशा पाक के निशाने पर रहता है। वास्तव में, यहां पर जहां किसान तारबंदी के पास खेती करते हैं, दुश्मन उन्हें लालच देकर उनकी जानकारी चुराने की कोशिश करता है। यही कारण है कि बीएसएफ यहां हर समय सतर्क रहता है।