जब बादल फटता है तो एकदम से गिरता है सारा पानी ? जाने बादल फटने के बाद कैसे धरती पर गिरता है पानी

सिक्किम में बादल फटने से ल्होनक झील में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. झील के आसपास के इलाकों में तबाही का मंजर है. बता दें कि बाढ़ की वजह से सेना के 23 जवान लापता होने की खबर है तथा 41 गाड़ियों के डूबने की भी खबर है.
ऐसे में यह प्रश्न दिमाग में आता है कि जब बादल फटता है तो किस तरह से पानी आसमान से जमीन पर आता है. क्या एक साथ काफी पानी जमीन पर गिरता है या फिर धीरे-धीरे बारिश की तरह पानी जमीन पर आता है. आइये आज हम आपको इन प्रश्नों के जवाब बताएंगे.
बादल फटने का कारण
दरअसल ज्यादा नमी वाले बादल जब दूसरे ज्यादा पानी वाले बादल से मिल जाते हैं तो अधिक पानी की बूंदे हो जाती है और बादल का भार बढ़ जाता है. बादल के मिलने से पानी का घनत्व भी अधिक हो जाता है और फिर पानी जमीन पर आना शुरू हो जाता है. ऐसी स्थिति में बारिश की तरह जमीन पर पानी नहीं आता.
कैसे फटते हैं बादल?
कई लोग मानते हैं कि बादल के फटने की स्थिति गुब्बारे के फूटने जैसी होती है लेकिन यह सच नहीं है. लोग मानते हैं कि ऐसी स्थिति में एक साथ ही सारा पानी जमीन पर आ जाता है परंतु ऐसा नहीं होता. बादल के फटने की स्थिति में भी पानी बारिश की तरह ही जमीन पर आता है लेकिन इसकी स्पीड बारिश के पानी से काफी तेज होती है.
बादल के फटने की स्थिति में काफी तेज मूसलाधार बारिश होती है. केवल कुछ ही मिनट या घंटो में बहुत सारा पानी जमीन पर गिर जाता है. जिसे नियंत्रित करना बस में नहीं होता. बता दें कि बादल फटने की स्थिति में एक सीमित दूरी में ही काफी तेज बारिश होती है. कहा जाता है कि कई बार तो बारिश की स्पीड 100 मिलीलीटर से भी अधिक होती है. इतनी स्पीड में बारिश होने से उस जगह की स्थिति काफी खराब हो जाती है.