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आर्मी कैंटिंग में मिलने वाली शराब और आम ठेके की शराब में क्या होता है असली फर्क, इस तरीके से कर पाएंगे क्वालिटी की पहचान

आपने अक्सर शराब की गुणवत्ता और मूल्य पर अलग अलग  विचार सुने होंगे। 
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आर्मी कैंटिंग में मिलने वाली शराब और आम ठेके की शराब में क्या होता है असली फर्क

आपने अक्सर शराब की गुणवत्ता और मूल्य पर अलग अलग  विचार सुने होंगे। आपको आर्मी कैंटीन से खरीदने वाली शराब का मूल्य और आम दुकान से खरीदने वाली शराब के मूल्य में काफी अंतर देखने को मिलेगा। लेकिन क्या आप इसके कारण जानते हैं? नहीं जानते तो आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे है। 

क्वालिटी पर करते हैं बात

आपने आर्मी कैंटीन और आम शराब की दुकान में शराब की कीमतों में अक्सर अंतर देखा होगा। इस बीच कोई इसकी गुणवत्ता पर बहस करता है। तो कोई और कारण है।

यह भी कहा जाता है कि आर्मी कैंटीन की शराब आम दुकानों की शराब से अच्छी है। लेकिन वास्तविकता अलग है। आइए बताते हैं कि आर्मी कैंटीन में सस्ती शराब क्यों मिलती है। 

क्या फर्क है आम दुकानों और आर्मी कैंटीन की शराब में?

हर डिस्टलरी में अलग-अलग ब्रेंड की शराब बनाई जाती है। इस तरह की शराब बनाई जाती है। शराब बनाते समय कोई नहीं सोचता कि यह आम आदमी के लिए बनाना है।

या सैन्य क्षेत्र के लिए यह शराब तैयार होने के बाद सैन्य क्षेत्र में भेजी जाती है। यही अल्कोहल, या व्हिस्की, सेना में भी पीया जाता है। सैना में हर व्यक्ति को अल्कोहल मिलता है। 

टैक्स में छूट 

सेना के अधिकारी केंद्र सरकार के अधीन हैं और इन्हें काफी कर देना होता है। जैसे सेंट्रल टैक्सेज, इनकम टैक्सेज, सेवा टैक्सेज, वेट और अन्य कई टैक्सेज।

हर राज्य में आर्मी कैंटीन का मूल्य बदलता रहता है। गुजरात और तमिलनाडु में उपयोग के लिए 0% वेट लिया जाता है,

जबकि पंजाब और हरियाणा में आर्मी कैंटीन से 4 प्रतिशत वेट टैक्स वसूला जाता है। कभी-कभी शराब पर 50% छूट भी मिलती है।यही कारण है कि आर्मी कैंटीन की शराब से आम दुकान की शराब का अंतर है।