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भगवान शिव के गले और अंगो पर लिपटे सांपों का क्या है नाम, भगवान शिव की आराधना करने वाले हर भक्त को पता होने चाहिए ये नाम

हिंदू धर्म में भोलेनाथ की पूजा की जाती है जिन्हें आदि देव भी कहा जाता है भोलेनाथ के अनेकों स्वरूप है।
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भगवान शिव के गले और अंगो पर लिपटे सांपों का क्या है नाम

हिंदू धर्म में भोलेनाथ की पूजा की जाती है जिन्हें आदि देव भी कहा जाता है भोलेनाथ के अनेकों स्वरूप है। लेकिन उनके गले में जो सर्प है वह सबसे ज्यादा अहम माना जाता है सांप का जिक्र होते ही हमारे मन में डर बैठ जाता है। लेकिन भगवान शिव इस माल की भांति अपने गले में धारण किए रहते हैं। 

लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सांप को भोलेनाथ केवल गले में ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य अंगों पर भी धारण करते हैं, तो आज हम आपको महादेव से जुड़ी पौराणिक कहानी के बारे में बताएंगे जिसमें आपको बहुत कुछ पता चलेगा। भोले शंकर अपने शरीर पर आभूषण की तरह सर्प को धारण करते हैं।

भगवान शिव के भक्त हैं वासुकी

वैदिक शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव के गले में लिपटे नाग का नाम वासुकि है। यह सबसे जहरीला सांप है और इसे सभी सांपों का राजा कहा जाता है। नागराज वासुकी भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। नाराज बसुरकी से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने उनको मनचाहा वरदान दिया कि वासुकी को शिव शंकर अपने गार्डन में रखेंगे। 

समुद्र मंथन में नागराज वासुकी को रस्सी के रूप में इस्तेमाल किया गया था और मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने पी लिया था। पुराणों में यह भी उल्लेख है कि राजा वासुकि के सिर पर एक दिव्य मणि है।
इसके अलावा वामनपुराण में यह भी लिखा है कि भगवान शंकर ने नागराज वासुकि को जनेऊ के रूप में धारण किया है। 

भगवान शिव के सर्प भक्ति

आपको बता दें कि गले के अलावा भगवान शिव के कानों में भी सर्प का आभूषण है। जिनके नाम पद्म और पिंगल हैं। उनके पास बाजूबंद के रूप में दो सांप भी हैं जिनके नाम कंबल और धनंजय हैं। इसके अलावा उनके हाथों में कंगन के रूप में दो नाग हैं, जिनके नाम अश्वतर और तक्षक नाग हैं। इसी प्रकार भगवान की कमर में नीले रंग का नील नाग निवास करता है।