home page

होटल में बची हुई साबुन के साथ क्या करता है होटल स्टाफ, सच्चाई जानकर आपके पैरों तले से खिसक जाएगी जमीन

दुनिया के हर छोटे - बड़े होटलों में हमें नया साबुन जैसे मॉइश्चराइजर, साबुन, टूथपेस्ट और ऐसे ही अनेक प्रसाधन मिलते हैं. बड़े-बड़े होटलों में तो यह साबुन और शैंपू हर रोज बदले जाते हैं लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है
 | 
cadd99148412fb3d05e30c2c43199c46

दुनिया के हर छोटे - बड़े होटलों में हमें नया साबुन जैसे मॉइश्चराइजर, साबुन, टूथपेस्ट और ऐसे ही अनेक प्रसाधन मिलते हैं. बड़े-बड़े होटलों में तो यह साबुन और शैंपू हर रोज बदले जाते हैं लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि इन बचे हुए साबुन, शैंपू, मॉइश्चराइजर, टूथपेस्ट का इस्तेमाल कहीं होता है या इन्हें फेंक दिया जाता है.

आईए जानते हैं इसके बारे में. अक्सर तो हम इससे यही अनुमान लगा सकते हैं कि आधा इस्तेमाल किया हुआ जो प्रोडक्ट होता है उसे फेंक दिया जाता है. साथ ही वह आइटम जो इस्तेमाल नहीं हुआ है तथा जो पैक्ड है उसे दूसरे गेस्ट को दे दिया जाता होगा लेकिन यह पूरा सच नहीं है.

बची हुई चीजों से गरीबों की समस्या का समाधान

यह बात तो सच है कि हर दिन लाखों की संख्या में होटलों के कमरों से ऐसी चीजे निकलती हैं. आज से लगभग 9 साल पहले अधिकांश होटल ऐसी चीजों को कचरे में फेंक दिया करते थे. हर दिन हजारों टन का ऐसा कचरा जो कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचता था.

उस समय World Health Organisation ने एक रिपोर्ट जारी की. जिसमें उन्होंने बताया कि होटल के कमरों से साबुन, शैंपू ऐसे ही हर दिन बर्बाद होने वाले प्रोडक्ट जहां एक और कचरे का ढेर बन रहे हैं वहीं इससे गरीब लोगों की स्वच्छता की समस्या का समाधान किया जा सकता है.

बची हुई चीज की जाती है रिसाइकिल 

इस समस्या का हल निकालते हुए दुनिया भर में 'क्लीन द वर्ल्ड' और ऐसे ही संस्थान ने 'ग्लोबल शॉप प्रोजेक्ट' के साथ मिलकर एक मुहिम की शुरुआत की. जिसके अनुसार आधे प्रयोग किए गए साबुन का साबुन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे ही शैंपू, कंडीशनर और मॉइश्चराइजर के साथ भी किया जाता है. इन Recycle किए हुए उत्पादों को विकासशील देशों में भेज दिया जाता है.