Water Drinkers Botal: बाजार में मिल रही बोतलबंद पानी को हमेशा सुरक्षित माना जाता रहा है परंतु अब इसकी सुरक्षा पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में घोषणा की है कि पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर और मिनरल वाटर को हाई रिस्क वाले खाद्य पदार्थों की श्रेणी में डाला जाएगा. इस श्रेणीबद्ध करने का मुख्य कारण बोतलों की सामग्री और उसमें मौजूद रसायनों के संभावित खतरे हैं.
सुरक्षा मानकों में बढ़ोतरी
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने भी बोतलबंद पानी के लिए सर्टिफिकेशन नियमों को कड़ा किया है. अब हर बोतलबंद पानी की बोतल को उत्पादन के बाद आवश्यक निरीक्षण (mandatory inspection) और तीसरे पक्ष के ऑडिट के बाद ही बाजार में बेचा जा सकेगा. यह कदम उपभोक्ताओं को हाई लेवल की सुरक्षा देने का कदम उठाया गया है ताकि पानी पीने से होने वाली बीमारियों से बचा जा सके.
जोखिम और चिंताएं
FSSAI के अनुसार बोतलबंद पानी में मौजूद कुछ रासायनिक तत्व जैसे कि पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट (PET) की उपस्थिति चिंता का विषय है. तेज गर्मी या धूप के संपर्क में आने पर ये रसायन पानी में मिलकर उसे दूषित कर सकते हैं जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
उपभोक्ता की सुरक्षा
नए नियमों के तहत, उपभोक्ताओं को हाई सुरक्षा मानकों की गारंटी दी जा रही है. हर वर्ष FSSAI द्वारा आयोजित ऑडिट से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी बोतलबंद पानी की बोतल बाजार में बिकने से पहले सख्त जांच परीक्षण से गुजरे. यह उपभोक्ताओं को सुरक्षित और शुद्ध पानी का उपभोग करने की आश्वासन देता है.