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दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज से होकर गुजरेगी वंदे भारत एक्सप्रेस,यात्रियों को देखने को मिलेगा खूबसूरत नजारा

केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में वंदे भारत और वंदे मेट्रो ट्रेनों को नए साल में शुरू करने की योजना बना रही है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना पर दो प्रकार की तेज रफ्तार ट्रेन
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Vande Bharat

केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में वंदे भारत और वंदे मेट्रो ट्रेनों को नए साल में शुरू करने की योजना बना रही है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना पर दो प्रकार की तेज रफ्तार ट्रेन चलने से आवागमन तेज होगा। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले आम चुनाव की घोषणा से पहले इन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।

दो वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना

रेलवे बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर रेल लिंक पर वर्तमान में पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं। इन रेलमार्ग पर अगले साल दो वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना है। वंदे भारत में 16 कोच होंगे, जबकि वंदे मेट्रो में आठ कोच होंगे।

यह रेलमार्ग 272 किलोमीटर लंबा है। वंदे मेट्रो को लोकल ट्रेन (पैसेंजर ट्रेन) की तरह इसके प्रमुख रेलवे स्टेशनों के बीच चलाया जाएगा। किंतु वंदे भारत को जम्मू से बनिहाल (272 किमी) तक मेल एक्सप्रेस से चलाया जाएगा।

वंदे भारत और वंदे मेट्रो ट्रेनों के चलने से जम्मू और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय कम होकर 3.5 घंटे हो जाएगा, अधिकारी ने बताया। यही नहीं, आम लोगों को श्रीनगर से कान्याकुमारी तक रेल कनेक्टिविटी मिलेगी।

इलेक्ट्रॉनिक ट्रेन की सक्सेसफुल टेस्टिंग 

इलेक्ट्रिक ट्रेन, जो बनिहाल को कटरा से जोड़ने वाली यूएसबीआरएल परियोजना के 111 किलोमीटर लंबे अंतिम चरण का हिस्सा है, उत्तर रेलवे ने 16 किलोमीटर लंबे बनिहाल-खारी खंड पर सक्सेसफुल टेस्टिंग की है। इस रेल लिंक परियोजना में कुछ सुरंगों की मरम्मत पूरी हो चुकी है।

कश्मीर घाटी में अर्थव्यवस्था बढ़ेगी

कश्मीर घाटी में श्रीनगर से रेल कनेक्टिविटी होने पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इंटरनेशनल पर्यटन बढ़ने से लोकल लोगों और बिजनेसों को फायदा होगा। साथ ही, यह रेल लिंक परियोजना जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे आम जनता के अलावा इमरजेंसी में सैन्य रसद, गोला-बारुद, हथियार और अन्य सामग्री को रेलमार्ग से तुरंत कश्मीर घाटी और बार्डर तक पहुंचाया जा सकेगा।

सफर दिलचस्प होगा

यह ट्रेन दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चिनाब ब्रिज से गुजरेगी। यह सुंदर आर्च ब्रिज चेनाब नदी से 359 मीटर ऊँचा है, जो पेरिस के एफिल टावर से भी ऊँचा है। कटरा में त्रिकुटा पर्वत पर बनाई गई एक सुरंग से भी ट्रेन गुजरेगी। त्रिकुटा पर्वत पर स्थित है वैष्णो देवी मंदिर।

यूएसबीआरएल खास क्यों है?

USBRL का रेलवे ट्रैक 272 किलोमीटर लंबा है। इससे जम्मू, कश्मीर घाटी से जुड़ जाएगा। कुल 119 किलोमीटर की लंबाई वाली 38 सुरंग इस परियोजना में बनाई गई हैं। 12.75 किमी लंबी टी-49 सबसे लंबी टनल है। देश में यह सबसे लंबी सुरंग है। साथ ही, 13 किलोमीटर के इस ट्रैक पर 927 पुल बनाए गए हैं। रेलवे का पहला केबल ब्रिज अंजी खड्ड भी इसी ट्रैक पर बन रहा है। जबकि चिनाब ब्रिज, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भी बन गया है।