Uttrakhand Hill Station: उत्तराखंड राज्य के टिहरी जिले में स्थित खैंट पर्वत अपनी अनोखा प्राकृतिक सुंदरता और मिथकीय कहानियों के लिए प्रसिद्ध है. इसे ‘परियों का देश’ भी कहा जाता है जहाँ लोक कथाओं के अनुसार परियाँ निवास करती हैं. यह पर्वत ऋषिकेश से मात्र दो घंटे की ड्राइव पर स्थित है और अपनी ऊंचाई और स्थान के कारण अधिकतर पर्यटकों की पहुंच से दूर रहता है.
लोकल लोर और परी कथाएँ
खैंट पर्वत पर स्थानीय गढ़वाली समुदाय का गहरा विश्वास है कि परियां उनके गांवों की रक्षा करती हैं. यह विश्वास न केवल उनके रीति-रिवाजों में दिखाई देता है, बल्कि उनके जीवन शैली और उत्सवों में भी परिलक्षित होता है. पर्यटक इस पर्वत पर चढ़ाई करते समय इन कथाओं को सुन सकते हैं और उनका अनुभव कर सकते हैं.
खैंट पर्वत की अनोखी जैवविविधता
खैंट पर्वत पर साल भर चारों ओर हरियाली बनी रहती है और यहाँ हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियां (Himalayan Peaks) एक सुहावना एहसास प्रदान करती हैं. यह पर्वत विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जीवों का घर है, जो वैज्ञानिकों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक अध्ययन क्षेत्र के रूप में महत्वपूर्ण है.
यात्रा का मार्ग और यात्रा के अनुभव
खैंट पर्वत तक पहुँचने के लिए ऋषिकेश से टिहरी तक का 70 किलोमीटर का सफर बेहद मनोरम होता है. इस दौरान, यात्री सड़क के एक तरफ बहती नदी (Flowing River) और दूसरी तरफ हरियाली से भरे ऊंचे पहाड़ों के अद्भुत नजारे का आनंद ले सकते हैं.
टेहरी लेक की खूबसूरती
इस यात्रा के दौरान आपको एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील, टेहरी लेक (Tehri Lake) को देखने का अवसर मिलता है. इस झील का नीला पानी, चारों ओर के पहाड़ और हरियाली आपको एक विदेशी अहसास देते हैं.