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चूहों की दहशत के बीच जीने को मजबूर है ये गांव, खौफ इतना की लोगों को नही आती रातों कों नींद

चूहे तो हर घर में पाए जाते हैं लेकिन क्या आपने आवारा गोवंश के फसलों की बर्बादी की खबरें सुनी है।
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चूहों की दहशत के बीच जीने को मजबूर है ये गांव

चूहे तो हर घर में पाए जाते हैं लेकिन क्या आपने आवारा गोवंश के फसलों की बर्बादी की खबरें सुनी है। अगर नहीं तो जान लीजिए कि पीलीभीत के कई ऐसे गांव है जहां पर चौहान ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। बड़ी संख्या में खेतों में बिल बना रहे हैं, जिससे कि किसानों का काफी नुकसान हो रहा है। वही इस पूरे मामले को लेकर कृषि विभाग भी परेशानी में है। 

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पीलीभीत जिले की अमरिया तहसील क्षेत्र में जितने भी गांव आते हैं। यहां की सारी फैसले खराब हो चुकी है। ऐसे में किसने की परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जब कृषि विभाग की टीम में जांच पड़ताल किया तो सामने आया कि धान की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाला कोई बड़ा जानवर है, बल्कि ऐसा नहीं हुआ। इसकी वजह चूहे निकले वही यह भी पाया गया कि चूहे सामान्य नहीं है बल्कि अलग तरह के हैं, जो अमरिया इलाके के लाहौरगंज, बिलासपुर समेत गांव को प्रभावित कर रहे हैं।

चूहों की कौन सी है प्रजाति

पूरे मामले पर अधिक जानकारी देते हुए जिला कृषि अधिकारी डॉ. विनोद कुमार यादव ने बताया कि सॉफ्ट थर्ड और फील्ड रैट प्रजाति के चूहे आमतौर पर खेतों में पाए जाते हैं। जिंक फास्फाइड के पैकेट उन किसानों को वितरित किए गए हैं जिनके खेत चूहों से संक्रमित हैं।

चूहों से बचाव की जानकारी

चूहों से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है। किसानों को धान की फसल से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने मोबाइल फोन में राइसएक्सपर्ट नामक फोन एप्लिकेशन डाउनलोड करने की सलाह दी जा रही है। इस एप्लिकेशन में हिंदी भाषा का विकल्प भी उपलब्ध है।