इस शहर को एक दिन के लिए बनाया गया था भारत की राजधानी, असली किस्सा है बेहद ही दिलचस्प

अगर आप भी घूमने के बहुत शौकीन है तो आपको भी नए- नए शहरों के बारे में जानना अच्छा लगता होगा, तो आज हम आपको कुछ ऐसे शहरों के बारे में बताएंगे जो घूमने के लिए उपयुक्त है और साथ ही इनका इतिहास बहुत ही ज्यादा दिलचस्प है. इसमें एक शहर ऐसा भी है, जिसे एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था. तो चलिए बात करते हैं इस शहर की जिस एक दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था.
इलाहबाद का इतिहास
इसका इतिहास बहुत ही ज्यादा खास है, इलाहाबाद शहर का नाम अब प्रयागराज रख दिया गया है. परंतु मुगल बादशाह अकबर ने इसका नाम इलाहाबाद रखा था क्योंकि इसका अर्थ है 'अल्लाह का शहर', परन्तु अब इसका नाम बदलकर प्रयागराज रख दिया गया है. 1599 से 1604 के बीच इस शहर को मुग़ल बादशाह जहाँगीर ने अपना मुख्यालय बनाया था.
इलाहाबाद एक दिन की राजधानी
आपको बता दे की इलाहाबाद को 1 दिन की राजधानी भी बनाया गया था. यह साल 1858 की बात है, जब इलाहाबाद को ब्रिटिश सरकार द्वारा एक दिन की राजधानी बनाया गया था. उस समय इलाहाबाद उत्तर पश्चिमी प्रांत की राजधानी भी था.
संगम नगरी है पर्यटन का केंद्र
इलाहाबाद के इतिहास के साथ- साथ इसका धार्मिक महत्व भी है. आपको बता दे कि यहां तीन नदियों गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम होता है, जिसकी हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा मान्यता है. इसमें हर 12 साल में महाकुंभ का प्रसिद्ध मेला लगता है और हर 6 महीने पर अर्थ महाकुंभ का मेला लगाया जाता है.
इलाहाबाद में घूमने की जगह
आप अगर प्रयागराज में संगम के अलावा और कहीं घूमना चाहते हैं तो आप खुसरो बाग भी जा सकते हैं. जहां की मुगल कलाकृति आपको बहुत ज्यादा आकर्षित करेगी. इसके अलावा आप आनंद भवन भी जा सकते हैं. आनंद भवन पुराने समय में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री जवाहरलाल नेहरू की हवेली हुआ करती थी, परंतु हमारे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे भारत सरकार को दान दे दिया और अब इसे आनंद भवन के रूप में जाना जाता है, इसके अलावा और आप अकबर कोर्ट में भी जा सकते हैं.