इस नस्ल की भैंस से डेयरी बिजनेस में होगी अच्छी कमाई, इस नस्ल की भैंसें हर रोज देती है इतने लीटर दूध

भारत में डेयरी उत्पादों का खपत लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे डेयरी उद्योग की ओर लोगों का रूझान तेजी से बढ़ा है। ये व्यवसाय, खासकर ग्रामीण इलाकों में, बहुत अच्छा चल रहा है। जो किसानों को अच्छी कमाई देता है।
ऐसे में, ये खबर आपके लिए है अगर आप भी पशुपालन क्षेत्र से जुड़कर डेयरी बिजनेस के माध्यम से पैसे कमाने की इच्छा रखते हैं। हम इस खबर में भैंस की एक नस्ल के बारे में बताएंगे जो डेयरी उद्योग में अच्छी मानी जाती है। हम भैंस की कालाहांडी नस्ल की बात कर रहे हैं।
एक ब्यांत में इतना दूध देती है
कालाहांडी और आंध्र प्रदेश में इस नस्ल को पेडाकिमेडी कहा जाता है। इस भैंस का मूल ओडिशा के रायगढ़ और कालाहांडी जिले से है। इसलिए इसका नाम भी कालाहांडी है। ये भैंस प्रायः इन क्षेत्रों में पाई जाती हैं। लेकिन वे आंध्र प्रदेश के पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र में मिलते हैं।
इनका रंग सलेटी से गहरा है। इनकी पूंछ काली है और माथा चपटा है। इसके लेवा गोल आकार और छोटे कूबड़ हैं। जब बात दूध की आती है, तो ये भैंस 680 से 900 लीटर दूध प्रति ब्यांत दे सकती हैं। ये भैंस की नस्ल सामान्य गर्मी और ठंड को भी सहन कर सकती हैं।
कालाहांडी भैंस
कालाहांडी भैंस अधिक दूध देने वाली भैंस की उन्नत नस्लों में से एक है। यही कारण है कि अगर आप भी इस भैंस को कमाई का साधन बनाना चाहते हैं तो पहले इसकी पहचान, कीमत और विशेषताओं को जानना महत्वपूर्ण है। इस नस्ल की भैंस की बाजार कीमत 25 हजार रुपये से 90 हजार रुपये के बीच है।
कालाहांडी भैंस की पहचान और विशेषताएं
ओडिशा में कालाहांडी नस्ल की भैंस आम हैं।
इस नस्ल की भैंसों का माथा चपटा और उभरा हुआ होता है। माथे पर भी छोटे बाल हैं।
इनका रंग सलेटी से गहरा है। जबकि ये आकार में मध्यम हैं।
यह नस्ल प्रति ब्यांत 680-900 लीटर दूध देती है।
भैंस की इस नस्ल को दूध के अलावा बोझा ढोने में भी लाया जाता है।
कालाहांडी भैंस भी सींगों का उपयोग करते हैं। इनके सींग घरेलू सामान में प्रयोग किए जाते हैं।
ये भैंस की नस्ल मूल क्षेत्र में रोग उपकरण और कार्य क्षमता के लिए जानी जाती है।
खुराक पर भी ध्यान दें
इस नस्ल की भैंसों को आवश्यक खुराक मिलनी चाहिए। फलीदार चारे और तूड़ी आमतौर पर उनकी पसंद हैं। इनके भोजन में उर्जा, प्रोटीन, कैलशियम, फासफोरस और विटामिन ए की भरपूर मात्रा शामिल करें। आप दाने, तेल बीजों की खल, धातुयुक्त भोजन दे सकते हैं। मक्की, गेहूं, जौं, जई या बाजार के चारे से इन्हें खिलाया जा सकता है।