Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य जिन्हें भारतीय राजनीतिक शास्त्र का पितामह कहा जाता है उनकी नीतियां आज भी समाज में प्रासंगिक हैं. चाणक्य नीति के अनुसार कुछ महिलाएँ ऐसी होती हैं जिन्हें माँ के समान सम्मान देना चाहिए. इस लेख में हम उन महिलाओं के बारे में जानेंगे जिन्हें चाणक्य ने माँ के समान दर्जा दिया था.
राजा की पत्नी
चाणक्य के अनुसार राजा या शासक की पत्नी को सम्राज्ञी माना जाता है और उसे माँ के समान सम्मान दिया जाता है. यह विश्वास था कि राजा की पत्नी राज्य की मातृशक्ति का प्रतीक होती है और उसका आदर करना पूरे राज्य के लिए अनिवार्य होता है.
गुरु की पत्नी
गुरु की पत्नी को भी माँ के समान सम्मान देने की बात चाणक्य ने कही है. गुरु का घर विद्यालय समझा जाता है और उनकी पत्नी विद्यार्थियों की दूसरी माँ के रूप में कार्य करती हैं. इसलिए गुरु की पत्नी का सम्मान करना न केवल आदर का विषय है बल्कि शिष्य का धर्म भी है.
मित्र या बड़े भाई की पत्नी
चाणक्य ने मित्र या बड़े भाई की पत्नी को भी माँ के समान सम्मान देने की बात कही है. यह व्यक्ति के जीवन में एक अहम संबंध को दर्शाता है और यह सिखाता है कि परिवार और समाज में स्त्रियों का आदर करना चाहिए.
पत्नी की माँ
पत्नी की माँ को भी माँ के समान सम्मान देने का विचार चाणक्य ने प्रस्तुत किया. यह संबंध नवविवाहित पुरुष के लिए नए परिवारिक बंधनों का प्रतीक होता है और इसे मानना उसके लिए जीवन की नई शुरुआत का संकेत देता है.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)