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हरियाणा सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए किया ज़बरदस्त काम, इस छोटे से बिज़नेस को कर ले शुरू और सरकार देगी बंपर सब्सिडी

पैक हाउस की मदद से किसान अपनी बागवानी उपज जैसे फल, सब्जियां या दवाई की आसानी से धुलाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग कर सकते हैं.
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haryana government giving subsidy for pack house business

किसानों की आय खेती से होती है ये तो हम सभी जानते हैं लेकिन इसके अलावा भी अगर वो कोई और काम करना चाहे तो उससे भी उनका इनकम हो सकता है. इसीलिए अब सभी किसानों को ग्रामीण व्यवसाय से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। पशुपालन, मत्स्य पालन और मुर्गी पालन का क्रेज बढ़ रहा है, लेकिन कई राज्य सरकार अब बागवानी फसलों के उत्पादन और व्यापार को बढ़ाने के लिए कृषि व्यवसाय को बढ़ावा दे रहे हैं।  इसमें फूड प्रोसेसिंग से लेकर पैक हाउस प्लांट तक सब कुछ शामिल है। 

पैक हाउस खोलने की पेशकश 

हरियाणा सरकार फलों और सब्जियों और अन्य बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों को उपज की सुरक्षा के लिए पैक हाउस खोलने की भी पेशकश कर रही है। बागवानी व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश में कुल 50 पैक हाउस खोले जाने की चर्चा हो रही है जिसके लिए किसानों से आवेदन मांगा जा रहा है।

सरकार की तरफ़ से मिलेगी सब्सिडी

अभी फिलहाल हरियाणा में बागवानी फसलों के उत्पादन और इससे जुड़े व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 50 एकीकृत पैक हाउस खोलने की योजना बनाई है।  ये पैक हाउस न केवल किसानों की आय बढ़ाएंगे, बल्कि बागवानी क्षेत्र में भी क्रांति लाएंगे। पैक हाउस का मुख्य उद्देश्य खराब होने वाले उत्पादों जैसे फलों, सब्जियों को सुरक्षित तरीके से पैक करना है। इसी उद्देश्य से किसानों से 31 मार्च तक आवेदन मांगे गए हैं।

पैक हाउस के लिए यहाँ  करें आवेदन

यह अधिसूचना हरियाणा सरकार द्वारा जारी किया गया है इसमें बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसान पैक हाउस खोलने के लिए 31 मार्च तक http://sfacharyana.in/register पर आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप राज्य ने टोल फ्री नंबर 1800-180 -2021 भी जारी किया है इसी योजना के नियम के अनुसार जो किसान पहले आवेदन कर चुका है वो दोबारा आवेदन नहीं कर सकता है 

किसानों की आय बढ़ेगी पैक हाउस से

पैक हाउस की मदद से किसान अपनी बागवानी उपज जैसे फल, सब्जियां या दवाई की आसानी से धुलाई, ग्रेडिंग और पैकेजिंग कर सकते हैं.  इस प्रकार न केवल स्थानीय बाजार में बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में भी उत्पाद के बेहतर मूल्य प्राप्त करने में विशेष सहायता मिलती है।