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चाय वाले के बेटे ने किया पिता का सपना पूरा, बिना कोचिंग पहले प्रयास IAS बन गाड़े झंडे

भारत में यूपीएससी का एग्जाम सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, क्योंकि इसमें उत्तीर्ण होने के लिए बहुत ही कठिन मेहनत और संयम की जरूरत पड़ती है
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चाय वाले के बेटे ने किया पिता का सपना पूरा

भारत में यूपीएससी का एग्जाम सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, क्योंकि इसमें उत्तीर्ण होने के लिए बहुत ही कठिन मेहनत और संयम की जरूरत पड़ती है. भारत में कई बच्चे कई सालों तक इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए प्रयास करते रहते हैं. वहीं कुछ बच्चे ऐसे हैं जो पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर लेते हैं. आज हम एक ऐसे ही प्रेरणादायक व्यक्ति की बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने पहले ही पैसे प्रयास में बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी की परीक्षा की है.

हम बात कर रहे हैं देशलदान चरण की. इनके पिता कुशल डैन ने यह कभी सोचा भी नहीं था कि उनका पुत्र एक आईएएस अधिकारी बन पाएगा परंतु कुशल डैन ने 2017 के यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 82 हासिल करके अपने पिता का नाम रोशन किया और आईएएस बने. आपको बता दे की देसलदान चरण के पिता राजस्थान के सुमलाई गांव में चाय बेचने का कार्य किया करते थे.

देशलदान चरण का बचपन बहुत ही कठिनाइयों में बीता था. वह एक ऐसे गांव में  रहते थे, जहां उच्च शिक्षा के लिए साधन उपलब्ध नहीं थे. इसके अलावा उन्हें आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ा था. उनके पिता अकेले एक छोटी सी जमीन और चाय की दुकान के बल पर 10 सदस्यों का खर्चा चलाया करते थे. उन्होंने बचपन में काफी मुश्किलों का सामना किया परंतु उनके पिता ने कभी उनकी पढ़ाई पर आंच नहीं आने दी और कई बार उनकी पढ़ाई के लिए कर्ज भी लिया।

अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति का बोझ उन्होंने अपने बेटे पर नहीं पड़ने दिया, परंतु इतनी कठिनाई और मुश्किलों के बाद भी बिना कोचिंग के बिना देशालदान चरण ने 24 साल की उम्र में पहले प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा को उत्तीर्ण किया और आईएएस बन गए. आपको बता दे की देशलदान चरण के 7 भाई बहन है, जिनमें से एक भारतीय नौसेना में है. देशलदान की प्रेरणादायक कहानी यूपीएससी के लिए संघर्ष कर रहे छात्रों को प्रेरणा देती रहेगी है.