chankya Niti: चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपने पैसे की वसूली में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए. यदि आपने किसी को पैसे उधार दिया है तो उसे वापस मांगने में संकोच न करें. यह आपकी मेहनत की कमाई है और इसे वापस पाना आपका अधिकार है. अगर आप इसमें शर्म करते हैं, तो यह आर्थिक दिक्कतों का कारण बन सकता है.
ज्ञान प्राप्ति में ना करें शर्म
शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति (value of education) में कभी शर्म नहीं करनी चाहिए. चाणक्य के अनुसार, ज्ञान ही व्यक्ति को सच्ची सफलता की ओर ले जाता है. इसलिए, चाहे वह ज्ञान उम्र में छोटे व्यक्ति से ही क्यों न प्राप्त हो उसे स्वीकार करने में हिचकिचाहट नहीं दिखानी चाहिए. निरंतर सीखने की प्रक्रिया से ही व्यक्ति जीवन में आगे बढ़ता है.
भोजन करने में ना करें शर्म
भोजन करने में शर्म (eating without shame) करने से व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक क्षमताएं प्रभावित होती हैं. चाणक्य नीति के अनुसार, पूर्ण और संतुष्ट करने वाला भोजन न केवल शरीर को ऊर्जा देता है बल्कि व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता को भी बढ़ाता है.
अपनी बात कहने में ना करें शर्म
चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति को अपने विचार और राय (self-expression) को खुलकर व्यक्त करना चाहिए. इससे न केवल आत्मविश्वास में वृद्धि होती है बल्कि यह व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में भी सहायक होता है. अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने से आपके विचारों की सराहना होती है और आपको उचित सम्मान भी मिलता है.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharatal.com इनकी पुष्टि नहीं करता है।