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अजीबोगरीब गांव जहां आकर हजारो पक्षी खत्म कर लेते है अपना जीवन, अमावस्या की रात को होती है ये विचित्र घटना

भारत जैसे देश में बहुत सारी ऐसी जगह मोजूद है, जो पूरी तरह से राहत के मुंह जिनके बारे में आज तक कोई कुछ भी नहीं पता लगा पाया है
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भारत जैसे देश में बहुत सारी ऐसी जगह मोजूद है, जो पूरी तरह से राहत के मुंह जिनके बारे में आज तक कोई कुछ भी नहीं पता लगा पाया है। आज हम आपको कुछ ऐसी अजीबो-गरीब चीजों के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। यह कहानी है असम की जहां अगर से सितंबर के बीच में लड़ाई भक्ति है। इस बीच खुशी आते हैं और इस साथ मिलकर आत्महत्या कर लेते हैं।

दरअसल एक गांव की वजह से यह कहानी प्रचलित हो गई है। वही वैज्ञानिक भी इस रिसर्च में जुड़े हुए हैं कि आखिर इस गांव में ऐसा क्या है जो यहां आकर पक्षी अपने प्राण त्याग देते हैं।

गांव से अलग है जतिंगा

असम के उत्तरी कछार जिले में बहुत सारे गांव हैं जिनकी गिनती सैकड़ो में आती है। वही इन पहाड़ियों में गिरा हुआ जतिंगा गांव भी है जो की सैकड़ो गांव से बिल्कुल अलग है। इस गांव में 1200 जातियां रहती हैं और यह आदिवासी है यहां आज की गुमनामी में जी रहे हैं इनका गुजर यहां के जंगल और पशुपालन से ही होता है। लेकिन अगस्त और सितंबर के महीने में यहां की बात करें तो यहां सब बदल जाता है और दुनिया भर से आने वाले पक्षी यहां रहस्यमय तरीके से आत्महत्या कर लेते हैं।

अमावस्या की रात को ही क्यों होता है सब

इस कहानी के पीछे एक यह वजह भी सामने आई है कि अमावस्या की रात को यह सारी घटना होती है। वही हिंदू धर्म में भी अमावस्या की रात को अच्छा नहीं माना जाता है क्योंकि इस दिन बुरी शक्तियां जिंदा हो जाती हैं। वही जतिंगा गांव में इस दिन सैकड़ो की संख्या में पक्षी इकट्ठा होते हैं और एक साथ ही आत्महत्या कर लेते हैं। इसके पीछे दो कारण बताए जा रहे हैं कि वह आसमान से खुद गिरकर जान दे देते हैं। वहीं दूसरा आदिवासी लड़कियों के खाबो पर लालटेन बांधकर टांग देते हैं जिससे कि पक्षी एकाएक उसकी तरफ खिंचे चले आते हैं और इसे टकराकर मर जाते हैं।