Pump Set Subsidy: नलकूप बोरिंग और पंप सेट पर किसानों को मिलेगी भारी सब्सिडी, जाने आवेदन करने का प्रॉसेस

By Vikash Beniwal

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Pump Set Subsidy: भारत के कृषि क्षेत्र में सिंचाई का एक अहम योगदान है. सिंचाई सुविधा के माध्यम से किसान समय पर फसलों को पानी देकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. यह न केवल किसानों को एक वर्ष में एक से अधिक फसलें लेने में मदद करता है बल्कि कृषि क्षेत्र में स्थिरता भी लाता है.

“मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना” का उद्देश्य

बिहार सरकार ने किसानों की सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए “मुख्यमंत्री निजी नलकूप योजना” शुरू की है. इस योजना के तहत नलकूप, बोरिंग और पम्प सेट की स्थापना के लिए किसानों को अनुदान (private tube well scheme subsidy for farmers) दिया जा रहा है. यह योजना कृषि उत्पादन को बढ़ाने और किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

“हर खेत तक सिंचाई का पानी” योजना की पूरी जानकारी

सात निश्चय-2 के तहत “हर खेत तक सिंचाई का पानी” योजना क्रियान्वित की जा रही है. राज्य में 21,274 स्थलों को चिन्हित कर 30,000 नए नलकूप लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही 18,747 स्थलों पर निजी नलकूप और 881 स्थलों पर डगवेल लगाने का प्रस्ताव है. यह योजना असिंचित क्षेत्रों (unirrigated land development schemes) के किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने का प्रयास है.

बोरिंग और पम्प सेट के लिए अनुदान

किसानों को नलकूप बोरिंग और पम्प सेट के लिए दो चरणों में अनुदान दिया जाएगा.

  1. बोरिंग के बाद जलस्राव निकालने पर.
  2. मोटर पम्प सेट स्थापित कर उसे चलाने के बाद.
    योजना के तहत प्रति मीटर बोरिंग लागत ₹1200 निर्धारित की गई है. सामान्य वर्ग के किसानों को 50% यानी ₹600 प्रति मीटर, पिछड़ा वर्ग को 70% यानी ₹840 प्रति मीटर, और अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को 80% यानी ₹960 प्रति मीटर अनुदान (subsidy for borewell installation) दिया जाएगा.

पम्प सेट पर अनुदान

2HP, 3HP और 5HP के मोटर पम्प पर भी किसानों को अनुदान दिया जा रहा है. सामान्य वर्ग के किसानों को लागत का 50%, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग को 70%, और अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को 80% अनुदान (subsidy on motor pump for irrigation) मिलेगा. यह सहायता किसानों को सिंचाई के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने में सहायक होगी.

अनुदान के लिए पात्रता और नियम

योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को निम्नलिखित पात्रता और शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • किसान के पास कम से कम 0.40 एकड़ (40 डिसमिल) कृषि भूमि होनी चाहिए.
  • संबंधित स्थल पर पूर्व में बोरिंग या अनुदान न लिया गया हो.
  • बोरिंग की गहराई कम से कम 15 मीटर होनी चाहिए.
    यह योजना लघु और सीमांत किसानों (subsidy eligibility for small farmers) को प्राथमिकता देती है.

आवेदन प्रक्रिया

किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए 15 जनवरी 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के लिए किसान को आधार कार्ड, भू-धारक प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और स्थल का फोटो (documents required for subsidy application) अपलोड करना होगा. आवेदन विभागीय पोर्टल mwrd.bih.nic.in पर किया जा सकता है.

समयसीमा और अन्य दिशानिर्देश

स्वीकृति मिलने के बाद किसान को 60 दिनों के भीतर बोरिंग कार्य पूरा करना होगा. निर्माण सामग्री भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए. यदि निर्धारित समय में कार्य पूरा नहीं होता है, तो आवेदन स्वतः रद्द माना जाएगा.

योजना का महत्व और किसानों के लिए लाभ

यह योजना राज्य में कृषि उत्पादन को बढ़ाने और किसानों को आत्मनिर्भर (self-reliant farmers through irrigation schemes) बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. इसके तहत किसानों को सिंचाई के संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे उनकी खेती की लागत कम होगी और उत्पादन में वृद्धि होगी.

Vikash Beniwal

मेरा नाम विकास बैनीवाल है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 4 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का अच्छा अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी बीट पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.