Chankya Niti: आचार्य चाणक्य जो कि एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, और कूटनीतिज्ञ के रूप में जाने जाते हैं उन्होंने चाणक्य नीति के माध्यम से जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला है. इस संग्रह में नीतियां और सिद्धांत शामिल हैं जो व्यक्ति को सफलता लेने में मार्गदर्शन करती हैं.
बिना सोचे-समझे काम करने की निंदा
चाणक्य का कहना है कि जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे किसी काम को अंजाम देता है, वह अक्सर असफलता का सामना करता है और समाज में मूर्ख (Foolish Actions) समझा जाता है. उनके अनुसार हर काम को करने से पहले उसके परिणामों का अच्छी तरह से आकलन करना चाहिए.
खुद को अत्यधिक बुद्धिमान समझने की भूल
चाणक्य नीति के अनुसार, जो व्यक्ति खुद को बहुत बुद्धिमान समझता है और नई चीजें सीखने में रुचि नहीं रखता वह वास्तव में समाज के लिए मूर्ख ही होता है. नया ज्ञान लेना (Continuous Learning) हर व्यक्ति के लिए जरूरी है.
आत्म-प्रशंसा की आलोचना
चाणक्य ने उन लोगों की भी आलोचना की है जो अक्सर खुद की तारीफ करते रहते हैं. उनका मानना है कि समाज में ऐसे लोगों को मूर्ख माना जाता है और उन्हें कोई मान-सम्मान (Lack of Respect) नहीं मिलता.
दूसरों को नीचा दिखाने के परिणाम
जो लोग दूसरों की तुलना में खुद को अधिक ज्ञानी और बुद्धिमान समझते हैं, उनके विचारों को समाज में अधिक महत्व नहीं दिया जाता है. चाणक्य के अनुसार, ऐसे व्यवहार से बचना चाहिए क्योंकि यह सम्मान हासिल करने में बाधक (Obstacle to Respect) होता है.
दूसरों का अपमान करने की आलोचना
जो लोग दूसरों का अपमान करते हैं और खुद को सम्मान के लायक समझते हैं, उन्हें भी समाज में मूर्ख समझा जाता है. चाणक्य नीति हमें सिखाती है कि सम्मान (Earning Respect) प्राप्त करने के लिए हमें दूसरों का सम्मान करना चाहिए.
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई जानकारियां और सूचनाएं इंटरनेट से ली गई हैं। Dharataltv.com इनकी पुष्टि नहीं करता है।