अब मेट्रिक पास युवा भी ले पाएंगे बीज, खाद और दवाई बेचने का लाइसेंस, 336 दिनों की ट्रेनिंग लेने के बाद ही मिलेगा डिप्लोमा

कृषि विभाग हरियाणा सरकार की एक विशेष योजना है जिसका उद्देश्य कम पड़े लिखे युवाओं को रोजगार देना है। यह योजना राज्य के पढ़े लिखे युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। इस योजना के तहत कम पढ़े लिखे युवा 20 हजार रुपए की फीस में डिप्लोमा प्राप्त कर सकेंगे और फिर अपना व्यवसाय शुरू कर सकेंगे। अब हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार के कम पढ़े लिखे लोगों को कृषि विभाग से खाद बीज दवाई बेचने का डिप्लोमा प्राप्त करना होगा।
डिप्लोमा की फीस 20 हजार रुपए होगी
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के गुण नियन्त्रक निरीक्षक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि वे ही डिप्लोमा के बाद लाइसेंस देंगे। डिप्लोमा की फीस 20 हजार रुपए होगी। उनका कहना था कि अब तक डिप्लोमा केवल उन लोगों को दिया जाता था, जो पहले से ही उस व्यवसाय में काम कर रहे थे और उनके पास लाइसेंस था। खाद, बीज और दवा डीलरों को लाइसेंस देने के लिए पहले डिप्लोमा की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन भारत सरकार ने खाद, बीज और दवा बेचने वालों को ये डिप्लोमा प्राप्त करना अनिवार्य किया है।
उनका कहना था कि दवा, बीज और खाद बेचने का लाइसेंस भी 10वीं पास विद्यार्थियों को मिलेगा। क्योंकि हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (हमेटी) से 10वीं क्लास पूरी करने वाले युवा डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर (DCS) प्राप्त करेंगे। 48 सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद डिप्लोमा प्राप्त करेगा। इसके लिए सप्ताह में एक दिन व्यायाम होगा। इस डिप्लोमा के बाद आप भारत के किसी भी राज्य में खाद, बीज या दवा बेचने का लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे।
डॉ. अजय कुमार, गुण नियंत्रक निरीक्षक, ने कहा कि डिप्लोमा के बिना लाइसेंस नहीं मिलेगा। इसके लिए कृषि एक्सटेंशन सर्विस फार इनपुट डीलर डिप्लोमा होना आवश्यक है। पुराने और नए लाइसेंस इसके बाद ही रिन्यू हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोर्स पूरा होने पर विक्रेता खाद, बीज और कीटनाशक दवाइयों की बेहतर जानकारी प्राप्त करेंगे। इससे किसानों को उचित जानकारी मिलेगी। नकली खाद-बीज की समस्या से बाजार काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। उनका कहना था कि किसान दुकान से बीज, उर्वरक और कीटनाशक खरीदता है। ऐसे में उन्हें इस संबंध में बुनियादी ज्ञान होना आवश्यक है।