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Haryana News: हरियाणा में 20 रुपए प्रति लीटर के रेट से मिलेगा सरसों का तेल, जाने सालाना कितनी होनी चाहिए इनकम

हरियाणा में हुए हाल के नीति बदलाव ने लाभार्थियों और जनकल्याण संस्थाओं में व्यापक बहस और चिंता पैदा की है
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हरियाणा में हुए हाल के नीति बदलाव ने लाभार्थियों और जनकल्याण संस्थाओं में व्यापक बहस और चिंता पैदा की है। राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र (PPP) प्रणाली की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य वाणिज्यिकियकरण को सुगम बनाना है। इस प्रणाली के माध्यम से परिवारों को उनकी वार्षिक आय के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है, जिससे वे कितनी मात्रा में आवश्यक सामान खरीद सकते हैं।

नई नीति के अनुसार, एक लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले परिवारों को अब राशन बटुआ से सरसों का तेल नहीं मिलेगा। बहुत से लाभार्थी, जो इस श्रेणी में आते हैं, इस निर्णय से चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि इस नीति का पालन करने से, उनके घरों में सरसों तेल का एक बड़ा हिस्सा है, उनके मासिक खर्चों पर काफी असर पड़ेगा।

विभिन्न प्रतिक्रियाएं उच्च आय वाले परिवारों को सरसों तेल नहीं देने की यह नई नीति से हुई हैं। कुछ लोग इसे उन परिवारों के लिए कार्रवाई की तरह देखते हैं, जिन लोगों ने वित्तीय संकट का सामना किया है और विशेष आर्थिक सहायता की जरूरत है उन्हें लगता है कि संसाधनों को उन परिवारों की ओर निर्देशित करने के काम होना चाहिए । 

इसलिए, यह कार्रवाई सही है।

जैसा कि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय ने बताया, इस निर्णय का उद्देश्य संसाधनों को बेहतर ढंग से नियंत्रित करना और सरसों के तेल को उन लोगों तक पहुंचाना है। जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है उन्हें लगता है कि यह लक्ष्य वित्तीय दायित्व के साथ सामर्थ्य बनाने का लक्ष्य है, ताकि आवश्यक वस्तुओं का लाभ बड़ी जनसंख्या को मिल सके।

इस नई नीति को पारित करने के बाद, उनका मानना है कि वार्षिक आय में भिन्नताएं वास्तव में हो सकती हैं। इस तरह की नीतियों को लागू करने के लिए एक विस्तृत योजना की आवश्यकता होती है जो पूरी तरह से एक परिवार की आर्थिक स्थिति को समझे।