Mugal Harem Salary: मुगल हरम में काम करने वाली दासियां भी कमाती थी IPL के खिलाड़ियों से ज्यादा पैसे, जाने दासियों को हर महीने कितना मिलता था सैलरी

Mugal Harem Salary: कई इतिहासकारों में मतभेद देखने को मिलता है जब मुगलों का जिक्र आता है। मुगल इतिहास का सबसे बदनाम हिस्सा मुगल हरम है। इतिहासकार कहते हैं कि मुगल हरम मुगल बादशाहों की हवस का अड्डा था। जहां दासों और रानियों को रखा गया इन हरमों पर मुगल साम्राज्य से आने वाले कर का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता था।
मुगल हरम में कहा जाता है कि यहां पर रहने वाली दासियों की कमाई इतनी बड़ी थी कि आज भी उसका मुकाबला नहीं किया जा सकता है. अकबर के साम्राज्य तक मुगल हरम में लगभग 5000 दासियां थीं।आइए आज जानते है मुगल हरम में रहने वाली दासियों की तनख्वाह के बारे में।
मुगल हरम में रहने वाली एक दासी पर ₹1000 से ₹1600 तक खर्च होता था, जो मुगलों की अय्याशी को दिखाता है। लेकिन आपको बता दें कि यहां जमाने की बात हो रही है, 10 रुपये में 1 तोला सोना मिलता था और 5 रुपये में एक महीने का राशन मिलता था. आज यह पैसे बहुत कम लग रहा होगा। आपको बता दें कि इन हरम की सुरक्षा करने वाले अधिकांश सैनिक किन्नर हुआ करतेथे। इन सैनिकों को हिंदुस्तानी बोलना आसान नहीं था। मुगल बादशाह को इस हरम में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।
बहुत से इतिहासकार मानते हैं कि बाबर ने मुगल हरम की शुरुआत की थी। औरंगजेब के राज में मुगल हरम खत्म होने लगा। यह हरम फिर रंग-रलियों का अड्डा बन गया। आपको बता दें कि मुगल हरम को दिल्ली, फतेहपुर सिकरी, लाहौर और आगरा में बनाया गया था। बहुत से लोग मानते हैं कि मुगल बादशाहों का अधिकांश समय यहीं बिताते थे ।