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बिजली करंट की चपेट में आने से घायल हुआ बंदर पहुंचा हॉस्पिटल, इलाज करवाने के लिए 3 बार आ चुका है हॉस्पिटल

आज हम आपको एक ऐसी अजब गजब कहानी के बारे में बताएंगे। जिसमें एक बंदर अपना इलाज करवाने अस्पताल पहुंचता है
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आज हम आपको एक ऐसी अजब गजब कहानी के बारे में बताएंगे। जिसमें एक बंदर अपना इलाज करवाने अस्पताल पहुंचता है जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान रह जाते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने बंदर के घाव को साफ किया और उसे पर पट्टी की। यह पूरा मामला बांग्लादेश के चटगांव स्थित सीताकुंड उपजिला हेल्थ परिसर का है। 

जहां पर इलाज करने के बावजूद भी बंदर की मौत हो गई। दरअसल बंदर बिजली की लाइन पर बैठा हुआ था। जिसके कारण मैं जख्मी हो गया और धीरे-धीरे घाव के कारण सड़ने लग गया। इसके बाद डॉक्टर की टीम में बंदर की मरहम पट्टी की।

डॉक्टर ने किया इलाज

आपको बता दें कि डॉक्टर ने बंदर की इलाज के बाद बताया कि जब मैं काम से निकलने वाला था तो मैंने घायल बंदर को अस्पताल की बालकनी पर बैठे देखा। बाद में मैंने बंदर के घावों पर पट्टी बांधी और वह अस्पताल परिसर से चला गया। लेकिन ज्यादा देर नहीं हुई जब बंदर नई पट्टियाँ लेने के लिए वापस आया। ऐसा उन्होंने तीन बार किया। वह बंदर बहुत दर्द में था और उसकी पीठ पर लगे कुछ घाव सड़ने लगे थे। बंदर को यह चोट बिजली के झटके से लगी होगी।

इलाज के बाद भी नहीं बचा बंदर

सबसे ज्यादा दुख वाली बात तो यह है की बंदर का पूरे 5 दिन इलाज चला लेकिन उसके बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। स्थानीय समाचार पत्रों ने बताया कि बंदर को वन्यजीव प्रबंधन और प्रकृति संरक्षण विभाग द्वारा दफनाया गया था। यूएनबी की रिपोर्ट के मुताबिक, चट्टोग्राम वन्यजीव और जैव विविधता आरक्षण विभाग की अधिकारी दीपान्विता भट्टाचार्य ने बंदर की मौत की पुष्टि की है।