Mahabharat Shakuni: महाभारत में शकुनि मामा के मरने के बाद उनके पासों का क्या हुआ, शकुनि की इच्छा अनुसार चाल चलते थे पैसे

Mahabharat Shakuni: यह तो सभी जानते हैं की महाभारत का युद्ध होने के पीछे शकुनि मामा की बहुत बड़ी भूमिका रही थी. लेकिन आखिर शकुनि मामा ने ऐसा क्यों किया? आइये आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
दरअसल शकुनि ने धृतराष्ट्र से बदला लेने के लिए यह सब प्रपंच रचाया. शकुनि की बहन गांधारी की शादी धृतराष्ट्र से हुई. धृतराष्ट्र अंधे थे इसीलिए गांधारी ने भी अपना जीवन अंधी बनाकर गुज़ारा. इसके अतिरिक्त धृतराष्ट्र ने शकुनि के पिता के साथ उनके 100 भाइयों को भी बंदी बना रखा था. ऐसे में उनके पिता तथा भाइयों की एक-एक कर मृत्यु हो गई. शकुनि के पिता सुबल ने आखिरी इच्छा के रूप मे शकुनि को कारागार से मुक्त करने की मांग की. धृतराष्ट्र ने उनकी आखिरी इच्छा को मानकर शकुनि को कारागार से मुक्त कर दिया. लेकिन शकुनि ने अपने परिवार के साथ हुए अत्याचार का बदला लेने की ठान ली और कौरवों का नाश करने की प्रतिज्ञा ली.
शकुनि के पासे
क्या आप जानते हैं कि शकुनि के पासे उसकी इच्छा अनुसार चलते थे क्योंकि वह उसके पिता सुबल की हड्डियों से बने हुए थे. उन्होंने इन पासों का प्रयोग कर महाभारत का युद्ध रचवाकर कौरवों का विनाश कर दिया.
शकुनि की मृत्यु के बाद कहां गए उनके पासे?
महाभारत के युद्ध के 18वें दिन शकुनि की मृत्यु हो गई थी. लेकिन उसकी मृत्यु के बाद उसके पासों का क्या हुआ? महाभारत के युद्ध के पश्चात श्री कृष्ण ने भीम को बुलाया और उन्हें वे पासे नष्ट करने के लिए कहा. इस समय अर्जुन वहां से गुजर रहे थे और उन्होंने श्री कृष्ण की बात को आधा सुना तथा पासों को नदी में बहा दिया. श्री कृष्ण अर्जुन की यह बात सुनकर घबरा जाते हैं तथा कहते हैं कि यह अनर्थ हो गया है. वे पासे नदी में बहते हुए किसी के भी हाथ लग सकते हैं और आखिरकार वही हुआ जिसका डर था. अंत में वह पासे किसी आम आदमी को मिल गए और जुआ फिर से शुरू हो गया. आज भी जुआ समाज में किसी न किसी रूप में मौजूद है तथा यह व्यक्तियों की बर्बादी का कारण बनता है.