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तलाक के बाद पत्नी को गुजारा भत्ता देना है जरूरी? कम कमाई वालों का क्या होगा? यहाँ जानें नियम

आपको बता दे कि भारत में एक पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करना गैर कानूनी है और यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसे कानूनी जुर्म मानकर 7 साल की सजा होगी
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तलाक के बाद पत्नी को गुजारा भत्ता देना है जरूरी

आपको बता दे कि भारत में एक पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करना गैर कानूनी है और यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता हुआ पाया गया तो उसे कानूनी जुर्म मानकर 7 साल की सजा होगी. परंतु यदि कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से अपनी पत्नी को तलाक दे देता है तो उसे अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देना पड़ता है.

आपको बता दे कि सेक्शन 25 के तहत पत्नी को पालन पोषण के लिए गुजरा भत्ता देना  परमानेंट एलिमनी माना जाता है, परंतु अगर पति खुद ही अपना खर्च चलाने में समर्थ नहीं है तो क्या होगा आज हम इसी बात के चर्चा करेंगे.

पत्नी कब मांग सकती है भत्ता

एक पत्नी अपने पति से महंगाई भत्ते की डिमांड तब कर सकती है, जब उसके पति ने उसे अपनी मर्जी से तलाक दिया हो बशर्ते की उसके पति ने दूसरी शादी नहीं की हो और पत्नी भी आर्थिक रूप से खुद का खर्चा करने मे समर्थ ना हो.

पत्नी किस सिचुएशन में पति से गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती?

यदि पत्नी अपना आर्थिक गुजारा करने में स्वयं समर्थ है तो वह अपने पति से गुजारा भत्ता की डिमांड नहीं कर सकती, इसके अलावा यदि पत्नी अपनी इच्छा से अपने पति से अलग हुई है या फिर पत्नी शादी के बाद भी किसी और रिश्ते में है तो वह अपने पति से गुजारा भत्ता की डिमांड नहीं कर सकती.

पति कब मांग सकता है भत्ता?

आपको बता दे कुछ कानूनी प्रक्रिया ऐसी भी है जब पति अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता की डिमांड कर सकता है, ऐसा तब हो सकता है जब पत्नी आर्थिक रूप से समर्थ हो और अपना खर्चा चला सकती हो. यदि पति विकलांग हो या फिर मानसिक रूप से अपना खर्च चलाने में असमर्थ हो तो वह अपनी पत्नी से वित्तीय सहायता की मांग कर सकता है. यदि पति अदालती करवाई की फीस देने में असमर्थ है तभी वह अपनी पत्नी से पैसों की  सहायता मांग सकता है.