भारत में यहाँ समंदर के बीच से गुजरती है ट्रेन तो दिखता है बेहद ख़ास नजारा, 2.2 किमी लंबे सफर के दौरान कई यात्रियों की बढ़ जाती है धड़कने

जब हम या आप ट्रेन से सफर करते हैं तो ट्रेन की खिड़कियों से जब झांक कर देखते हैं तो हमें चारों तरफ हरे भरे खेत, मंदिर या फिर घर नजर आते हैं लेकिन एक बार आप सोच कर देखिए कि इन सब के अलावा अगर आपको चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे तो आपको कैसा लगेगा।तमिलनाडु में रामेश्वरम-पंबन रेलवे ब्रिज ऐसा ही अनुभव देता है।
100 वर्षों से ज्यादा पुराना है ये ब्रिज
100 वर्षों से ज्यादा पुराना ये ब्रिज करीब 2.2 किलोमीटर लंबा है। इस ब्रिज पर सफर के दौरान आपको ऐसा लगेगा कि ट्रेन पानी में ही चल रही है।इसलिए इस ट्रैक पर यात्रा एक एडवेंचर्स एक्सीपीरियंस होता है। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो इन नजारा को देखकर डर भी जाते हैं ।
रामेश्वरम पंबन रेलवे ब्रिज
रामेश्वरम पंबन रेलवे ब्रिज अपनी खूबसूरती के साथ-साथ दुनियाभर के कुछ खतरनाक रेलवे ट्रैक में से एक माना जाता है. क्योंकि यहां कई बार समुद्र में उठने वाली लहरें सीधे ट्रेन से टकराती हैं।
ग्रेट पंबन ब्रिज
ग्रेट पम्बन ब्रिज दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह पुल प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर जाने वाले सैकड़ों तीर्थयात्रियों को ले जाता है।समुद्रों के बीच बना यह रेलवे ब्रिज वर्षों पुराना इंजीनियरिंग का चमत्कार है। यह ब्रिज बीच में से खुल जाता है और क्रूजर और जहाजों को गुजरने की सुविधा देता है।
तीर्थ स्थल रामेश्वरम को समुद्र के रास्ते देश से जोड़ने वाले इस शानदार और खूबसूरत ब्रिज को रेलवे ने अब रिटायर करने का फ़ैसला कर लिया है। पंबन ब्रिज के ठीक बग़ल में एक नया पंबन ब्रिज बन कर लगभग तैयार है। दक्षिण रेलवे के अनुसार, यह ब्रिज मार्च 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
नया पंबन ब्रिज
नया पंबन ब्रिज बिल्कुल पुराने पुल के पास बनाया जा रहा है। नया पुल 2.05 किलोमीटर लम्बा होगा। ये देश का पहला वर्टिकल लिफ़्ट ब्रिज है। इसमें बीच का 72.5 मीटर का हिस्सा अपने दोनों तरफ़ लगी लिफ़्टों के माध्यम से ऊपर की ओर इतना उठ जाएगा कि उसके नीचे से समुद्री जहाज गुज़र सकेंगे। यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा।
पुराने पंबन ब्रिज का ये स्पेशल स्पैन बीच से दो हिस्सों में फ़्लैप की तरह दो हिस्सों में खुल जाता है।इस काम के लिए इसके दोनों तरफ़ 16-16 व्यक्तियों को खड़े हो कर हाथों से स्ट्रिंग रोलिंग मशीन चलानी पड़ती थी. लेकिन अब यह ऑटोमैटिक लिफ्ट मशीन से खुल जाएगा।
1964 में साइक्लोन के कारण पंबन ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया
पुराना ब्रिज सिंगल लाइन का है जबकि नए पंबन ब्रिज में डबल रेलवे ट्रैक बिछाया जा रहा है। पुराने ब्रिज में 147 पिलर हैं जबकि नया ब्रिज 101 पिलर्स पर बनाया गया है। 1964 में साइक्लोन के कारण पंबन ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया था।मरम्मत के बाद इसे फिर से शुरू किया गया लेकिन इस पर ट्रेन की रफ्तार को कम कर दिया गया।अब नये पुल पर ट्रेन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ सकेगी।