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यूपी में इन रूटों पर चलेगी भारत की पहली बिना ड्राइवर वाली पॉड टैक्सी, जाने क्या होगा किराया

भारत की पहली पॉड टैक्सी, जिसे पर्सनलाइज्ड रैपिड ट्रांजिट भी कहा जाता है, जल्द ही चालू हो जाएगी, जो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जेवर में फिल्म सिटी से जोड़ेगी।
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भारत की पहली पॉड टैक्सी, जिसे पर्सनलाइज्ड रैपिड ट्रांजिट भी कहा जाता है, जल्द ही चालू हो जाएगी, जो नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जेवर में फिल्म सिटी से जोड़ेगी। यमुना प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश सूचकांक के अनुसार भारत की पहली पॉड टैक्सी परियोजना के लिए संशोधित डीपीआर और बोली दस्तावेज को अपनी मंजूरी दे दी है। एक बार जब सरकार परियोजना को मंजूरी दे देगी, निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और निविदा प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू होने की उम्मीद है।

क्या हैं पॉड टैक्सी ?

पॉड टैक्सी चालक रहित इलेक्ट्रिक वाहन हैं। अनिवार्य रूप से, ये कॉम्पैक्ट ऑटोमेटेड कारें हैं जो सीमित संख्या में लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जल्दी से ले जाने के लिए बनाई गई हैं।

रूट, स्टेशन और क्षमता क्या होगी?

पॉड टैक्सियां ​​नोएडा के जेवर हवाई अड्डे को सेक्टर 21 में फिल्म सिटी से जोड़ने के लिए तैयार हैं, जिसकी अनुमानित क्षमता प्रति दिन लगभग 37,000 यात्रियों को ले जाने की है।

विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मार्ग की लंबाई 12 से 14 किमी के बीच होने की उम्मीद है और इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे। इन स्टेशनों में सेक्टर 29, हैंडीक्राफ्ट पार्क, सेक्टर 29 में एमएसएमई पार्क, अपैरल पार्क, सेक्टर 32, सेक्टर 33, टॉय पार्क, सेक्टर 21 और अन्य शामिल हैं।

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निर्माण की लागत का अनुमान और परियोजना के पूरा होने की उम्मीद

यूपी इंडेक्स के मुताबिक, सरकार से मंजूरी मिलने के बाद 810 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 2024 के अंत तक पॉड टैक्सी प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद है। यदि उत्तर प्रदेश इन टैक्सियों को प्रभावी ढंग से संचालित करने में सफल होता है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि वे परिवहन के लिए एक मूल्यवान अतिरिक्त होंगे। ये पॉड टैक्सी न केवल सस्ती होंगी बल्कि सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल भी होंगी।