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अगले 12 घंटों में इन 10 जिलों में तेज बारिश के साथ कड़केगी बिजली, जाने मौसम विभाग की ताजा भविष्यवाणी

प्रदेश के वातावरण में पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट आई है। जहां शनिवार को कम से कम टेंपरेचर में बढ़ोतरी हुई है।
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अगले 12 घंटों में इन 10 जिलों में तेज बारिश के साथ कड़केगी बिजली

प्रदेश के वातावरण में पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट आई है। जहां शनिवार को कम से कम टेंपरेचर में बढ़ोतरी हुई है। खरगोन को छोड़कर सभी जिलों में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से अधिक है। ऐसा नवंबर में पहली बार हुआ है, जब न्यूनतम पारा 15 डिग्री से अधिक था।

साथ ही, अधिक से अधिक पारे में भी समानता है; सबसे अधिक पारा 34 डिग्री सेल्सियस पर रहा है। शनिवार को ग्वालियर चंबल संभाग में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हुई है। बीते 24 घंटे में ग्वालियर में 0.5 मिमी बारिश हुई है। रिमझिम बारिश भी भिंड, मुरैना, श्योपुर कला, निवाड़ी, शिवपुरी और छतरपुर में हुई।

इस मौसम प्रणाली के चलते मौसम में हुआ महत्वपूर्ण परिवर्तन

वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक पश्चिमी विचलन द्रोणिका के रूप में मौजूद है। वहीं मध्य पाकिस्तान में एक उत्साहित साइक्लोन बन गया है। इन दोनों मौसम चक्रों के शुरू होते ही उत्तर भारत में आसमान में मेघ आ गए हैं।

प्रमुख शहर कम टेंपरेचर

शनिवार को प्रमुख शहरों में कम से कम तापमान की बात की जाए तो खरगोन में सबसे कम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस था। टेंपरेचर छतरपुर जिले के नौगांव में 15.4 डिग्री, राजधानी भोपाल में 18 डिग्री, ग्वालियर में 17.2 डिग्री, इंदौर में 18.8 डिग्री और जबलपुर में 18.3 डिग्री सेल्सियस था। इन सभी शहरों में कम से कम टेंपरेचर बढ़ा है।

दिवाली के बाद भारी ठंड का आगमन

यहां, मौसम विशेषज्ञ के अनुसार, उत्तर भारत से पश्चिमी बाढ़ आने लगी है। इन कारणों के चलते, हवा उत्तर की ओर बढ़ने लगी है। भविष्य में पूरे मध्य प्रदेश में कम से कम पारा घट सकता है। दीपावली के बाद क्षेत्र का मौसम बदल सकता है और तापमान में कमी का दौर देखा जा सकता है।

ऐसा रहा पारा

दमोह में सबसे अधिक पारा 34 डिग्री से अधिक था। तापमान राजधानी भोपाल में 31.6 डिग्री, ग्वालियर में 27.3, इंदौर में 31.2 और जबलपुर में 30.9 डिग्री सेल्सियस था। आज उत्तरी मध्य प्रदेश में उत्तरी हवाएं चलना शुरू हो गई हैं। सर्दी इन क्षेत्रों में जल्दी आ सकती है। पूर्वी मध्य प्रदेश में तेज हवाओं का झोक अभी भी दक्षिण पश्चिमी है।