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किसी शहर का नाम बदलना हो तो कितना आता है खर्चा, असली लागत जानकर तो नही होगा यकीन

कई बार ऐसा होता है हमारे मन में अजीबोगरीब चीज चलने लगती है। लेकिन यह चीज हमारी नॉलेज के हिसाब से हमें जानना बेहद जरूरी है। 
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कई बार ऐसा होता है हमारे मन में अजीबोगरीब चीज चलने लगती है। लेकिन यह चीज हमारी नॉलेज के हिसाब से हमें जानना बेहद जरूरी है। बीते कुछ सालों में भारत के कई शहरों में सड़कों और जगह के नाम बदले गए हैं। ऐसे में कई लोग नाम को बदलने को लेकर पक्ष में खड़े दिखे तो कई लोग विरोध में भी थे। 

लेकिन इस बात पर बहस नहीं हुई कि नाम बदलना चाहिए या फिर नहीं आज हम इस बात की और ध्यान देंगे कि सरकार किसी भी शहर का नाम बदलता है, तो उसके लिए उन्हें कितना खर्च करना पड़ता है इसके लिए भी एक पूरी प्रक्रिया होती है। आपको लगता होगा कि सिर्फ बोर्ड हटा दिया जाता है और दूसरा नाम लिख दिया जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इसमें बहुत सारे पैसे खर्च किए जाते हैं जो पब्लिक के जरिए ही सरकार तक पहुंचाते हैं।

किन-किन जगहों के बदले गए हैं नाम

शेरों के नाम बदलने की बात करें तो भारत में उत्तर प्रदेश के शेरों के कई जगह के नाम बदले गए हैं जिसमें मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम हटाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय रखा गया है। इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया। इसके साथ ही फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया गया। वहीं, आने वाले समय में अलीगढ़ और फर्रुखाबाद जैसे कई जिलों के नाम बदल सकते हैं। मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक और दिल्ली भी इस दौड़ में पीछे नहीं हैं। यहां भी कई जगहों के नाम बदले गए हैं।

कितना आता है खर्चा

किसी जगह का नाम बदलने में कितना पैसा खर्च होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस चीज़ का नाम बदलना चाहते हैं। अगर आप किसी सड़क या मोहल्ले का नाम बदलना चाहते हैं तो इसमें ज्यादा खर्च नहीं आएगा। हालाँकि, अगर आप किसी शहर का नाम बदलना चाहते हैं, तो इसमें लगभग 200 से 500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वहीं अगर सरकार किसी राज्य का नाम बदलने का फैसला करती है तो इस पर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा।