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यूपी में मां और बाप को नाराज किया तो नही मिलेगी प्रॉपर्टी, योगी सरकार के नए कानून की हर तरफ है चर्चा

उत्तर प्रदेश सरकार बुजुर्गों को विशेष कानूनी अधिकार देने जा रही है। दैनिक रूप से बच्चों ने वृद्ध माता-पिता को परित्यक्त किया है।
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यूपी में मां और बाप को नाराज किया तो नही मिलेगी प्रॉपर्टी

उत्तर प्रदेश सरकार बुजुर्गों को विशेष कानूनी अधिकार देने जा रही है। दैनिक रूप से बच्चों ने वृद्ध माता-पिता को परित्यक्त किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार इन बातों को ध्यान में रखते हुए एक कानून बनाने जा रही है जिसके तहत बुजुर्ग लोग ऐसे बच्चों को उनकी संपत्ति से छीन सकते हैं। यह प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल को भेजा गया है, जो जल्द ही पारित होने की उम्मीद है।

समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि हम कानून में बदलाव ला रहे हैं जो वरिष्ठ नागरिकों को उनके घर से बेदखल करने का अधिकार देगा अगर उनके बच्चे या रिश्तेदार उनकी आजीविका के लिए पैसे नहीं देते हैं। मंत्री ने कहा कि राज्य विधि आयोग से प्रस्ताव प्राप्त हुआ था और उचित चर्चा के बाद मंत्रिमंडल को मंजूरी के लिए भेजा गया था। उनका कहना था कि इसके जल्द ही पारित होने की उम्मीद है।

कैबिनेट की बैठक में असीम अरुण ने बताया कि एक ऐसा प्रस्ताव हाल ही में लाया गया था, लेकिन पारित नहीं हो सका क्योंकि कुछ प्रश्न उठाए गए थे, जैसे वरिष्ठ नागरिक पैतृक संपत्ति पर रहते हैं, जहां माता-पिता का साझा अधिकार है। उनका कहना था कि हम पुनर्चक्रण कर रहे हैं और प्रस्ताव में परिवर्तन करके जल्द ही वापस भेजेंगे। यह जल्द ही पारित होने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में कानून

2007 में केंद्र सरकार ने बुजुर्गों को अधिनियम बनाया था। 2007 माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम में वरिष्ठ नागरिकों को विशेष अधिकार दिए गए। 2014 में यूपी सरकार ने इसे स्वीकार करते हुए नियमावली लागू की। राज्य सप्तम विधि आयोग ने इस कानून में बदलाव की सिफारिश की है। आयोग का मानना है कि केंद्र सरकार की नियमावली में सभी उद्देश्य नहीं पूरे हो रहे हैं। वर्तमान कानून में बुजुर्गों की देखभाल नहीं करने पर हर महीने 10 हजार रुपए भरण-पोषण भत्ता और एक महीने की सजा का प्रावधान है। नई नियमावली में कई नियम होंगे।