जंगल के रास्ते निकल रहे पति-पत्नी कार ऐक्सिडेंट से हुए बुरी तरह घायल, थोड़ी देर बाद आँख खुली तो दहाड़ रहे थे भूखे शेर तभी

अगर किसी के साथ अनहोनी होता है तो वो होकर ही रहता है चाहे वो घर में हो या बाहर लेकिन अगर भगवान के यहां पर उसकी जिंदगी बची हुई है।तो वो भी कोई छीन नहीं सकता है। चाहे उस पर लाख मुसीबत आए फिर भी वो बच जाता है। जी हां दोस्तों आज हम एक ऐसी घटना के बारे में बात करने जा रहे हैं। जिसमें लोगों की जान भी जा सकती थी लेकिन कहते हैं ।जीवन और मरण अपने हाथ में नहीं होता तो चलिए जानते हैं।एक ऐसे कपिल के बारे में जो मरने के काफी नजदीक आकर भी जिंदा बच गई।
साल 2022 में हुई थी यह घटना
साल 2022 सितंबर में 46 वर्षीय मारियो टाइटस अपनी 34 वर्षीय पत्नी ग्रेस को हाई ब्लड प्रेशर और सांस की तकलीफ के बाद अस्पताल जा रहे थे। यह कपल दक्षिण अफ्रीका में अपने पैरेंट्स के घर से 124 मील की ड्राइव की दूरी पर थी। जब वे एक कार दुर्घटना के शिकार हुए।
नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण नहीं कर पाए किसी को फोन
एक्सीडेंट के बाद उनकी कार सड़क से कुछ दूरी पर बाहर आ गई। कार एक्सीडेंट में दोनों ही बुरी तरह से घायल हो गए। वे टक्कर में एक पेड़ से टकरा गए थे, जिसकी वजह से उनकी गाड़ी क्रैश हो गई और ग्रेस की हिप और पैर की छह हड्डियां टूटी और उसके शरीर पर गहरे चोट के निशान थे। तीन बच्चों की मां के शरीर से खून बहना शुरू कर दिया और वह होश में थी। लेकिन वहां पर नेटवर्क प्रॉब्लम होने के कारण किसी को वह फोन तक नहीं कर पाई।
पति पत्नी ने कहा अगर हमें मरना है तो एक साथ मरेंगे
उन्होंने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त होने से ठीक पहले मैंने तीन शेरों को सड़क पर देखा था।इसलिए हमने कहा कि अगर हमें मरना है तो हम एक साथ मरेंगे। यह भयानक था। चारों तरफ से शेर दहाड़ रहे थे। मैं बहुत दर्द में थी और खून निकलने की वजह से मैं कमजोर हो रही थी। और वहां पर हमें देखने वाला कोई नहीं था 1 मिनट के लिए हमें तो लगा कि शेर हमें निकल ही जाएगा।
ठंड के मौसम में 12 घंटे बिताने के बाद बची पति-पत्नी का जान
अगली सुबह 8 बजे एक अन्य ड्राइवर ने दुर्घटना देखी और आपातकालीन सेवाओं से संपर्क किया। जिन्होंने ग्रेस को कार से बाहर निकालने में कामयाबी हासिल कीया। इस जोड़ी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया और ग्रेस को खून चढ़ाया गया। ग्रेस अगले पांच महीने अस्पताल में ठीक होने मे लग गया।लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि यह एक चमत्कार था कि वह संभावित जानलेवा चोटों के साथ कड़ाके की ठंड में 12 घंटे बिताने के बाद भी बच गई।