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कभी सोचा है की फूलों में रंग बिरंगे कलर कहां से आते है, जाने इसके पीछे का असली कारण

इंसानी जीवन में फूलों का अहम स्थान होता है. फूलों की खूबसूरती का इंसान के दिल में अलग ही स्थान होता है
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कभी सोचा है की फूलों में रंग बिरंगे कलर कहां से आते है

इंसानी जीवन में फूलों का अहम स्थान होता है. फूलों की खूबसूरती का इंसान के दिल में अलग ही स्थान होता है. त्योहार के अवसर पर, पूजा के अवसर पर, या अन्य किसी विशेष मौके पर फूलों से सजावट की जाती है. सभी की प्रत्येक चीज के मामले में अपनी-अपनी पसंद होती है और इसी प्रकार सभी को अलग-अलग तरह के फूल पसंद होते हैं.

अपने भी अपने आसपास विभिन्न रंगों के और बनावट के फूल देखे होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह फूल इतने रंग-बिरंगे क्यों होते हैं? फूल अपना रंग कैसे प्राप्त करते हैं. आज हम आपको इस सवाल का जवाब बताने वाले हैं. 

फूल कैसे प्राप्त करते हैं रंग.

बता दें कि एंथोसायनिन नामक एक रसायन होता है जो रंग प्राप्त करने में मददगार होता है. फूलों के रंग बनाने में यह अहम भूमिका निभाता है. यह रसायन रंग के पिगमेंट को बनाता है जिस फूल की पत्तियों, कलिकाओं, और अन्य हिस्सों में रंग प्रकट होने लगता है. 

चटकदार फूल 

एक ही रंग वाले फूलों को चटक रंग कहा जाता है. इन फूलों के रंग का कारण कैरॉटिनाइड नामक रसायन होता है. यह फूल के पिगमेंट को विशिष्ट रंगों में परिवर्तित कर देता है. लाल गुलाब, पीला गेंदा, तथा नारंगी फूल विशिष्ट रंग में खिलते हैं इसका कारण कैरोटीनाइड ही होता है. 

विभिन्न रंगों के फूल

कुछ फूल ऐसे भी होते हैं जिनमें एंथोसायनिन तथा कैरॉटिनाइड दोनों प्रकार के पिगमेंट मौजूद होते हैं. इसीलिए फूल विविध रंगों में नजर आते हैं. यह फूल काफी मनमोहक होते हैं और अपनी तरफ आकर्षित करते हैं. इसके अलावा पत्तियों का हरा रंग क्लोरोफिल के कारण होता है.