Haryana News: हरियाणा सरकार ने अपने न्यायिक अधिकारियों और उनके कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी है. यह बढ़ोतरी 1 जनवरी 2024 से हो गई. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जो राज्य के वित्त मंत्री भी हैं ने इस निर्णय को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी.
वित्तीय सुरक्षा का उद्देश्य
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य न्यायिक अधिकारियों और राज्य सरकार के कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है. यह कदम कर्मचारियों और उनके परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है. इसके माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को पर्याप्त वित्तीय सहायता मिल सके. (financial security for employees Haryana)
क्या है ग्रेच्युटी?
ग्रेच्युटी एक परिभाषित लाभ योजना है जिसमें नियोक्ता अपने कर्मचारियों को पांच साल या उससे अधिक समय तक सेवा देने पर वित्तीय लाभ प्रदान करता है. यह ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत आता है. ग्रेच्युटी का लाभ सेवानिवृत्ति, इस्तीफे या मृत्यु जैसे मामलों में मिलता है.
ग्रेच्युटी की पात्रता
ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी को एक संगठन में कम से कम पांच साल की निरंतर सेवा देनी होती है. हालाँकि, कुछ मामलों में यह शर्त लागू नहीं होती है, जैसे कि कर्मचारी की मृत्यु या दुर्घटना के कारण सेवा समाप्त हो जाती है. यह नियम कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं.
न्यायिक अधिकारियों के लिए विशेष पहल
हरियाणा सरकार का यह कदम न्यायिक अधिकारियों और उनके कर्मचारियों के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है. न्यायिक अधिकारी अपने काम में बड़ी जिम्मेदारी निभाते हैं, और उनके योगदान को पहचानने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है?
ग्रेच्युटी की गणना एक सरल फॉर्मूले के आधार पर होती है. यह फॉर्मूला है:
(पिछले वेतन का अंतिम मूल वेतन + महंगाई भत्ता) × सेवा के कुल वर्ष × 15/26
इस फॉर्मूले से यह सुनिश्चित किया जाता है कि कर्मचारी को उनकी सेवा के अनुसार उचित वित्तीय लाभ मिले.
सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए अन्य लाभ
हरियाणा सरकार ने ग्रेच्युटी सीमा बढ़ाने के अलावा भी कई अन्य योजनाएं लागू की हैं. इनमें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन, मेडिकल सुविधाएं और अन्य वित्तीय लाभ शामिल हैं. इन सभी योजनाओं का उद्देश्य कर्मचारियों और उनके परिवारों को सुरक्षित भविष्य प्रदान करना है.
कर्मचारियों और परिवारों की प्रतिक्रिया
इस निर्णय से राज्य के कर्मचारियों और उनके परिवारों में खुशी का माहौल है. बढ़ी हुई ग्रेच्युटी सीमा से कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर जीवन जीने में मदद मिलेगी. यह कदम सरकार की कर्मचारी-हितैषी नीतियों का प्रमाण है.