Toll Tax: देशभर के टोल प्लाजा को हटाने की तैयारी में है सरकार, जाने फिर किस तरह वसूला जाएगा कारों से टोल

जीपीएस-आधारित टोल टेक्स सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जो राजमार्ग पर किसी वाहन द्वारा तय की गई दूरी को ट्रैक करने के लिए जीपीएस उपग्रह तकनीक का उपयोग करती है। जितने किलोमीटर का सफर तय किया है, उसके आधार पर टोल सीधे कार मालिक के बैंक खाते से काट लिया जाएगा। इस सिस्टम को कई यूरोपीय देशों में सफलतापूर्वक लागू किया गया है और वर्तमान में यह भारत में अपने प्रैक्टिकल स्टेप में है।
जीपीएस-आधारित टोल टेक्स सिस्टम के लाभ
- इस सिस्टम के साथ, टोल बूथों की अब आवश्यकता नहीं होगी, और यात्री टोल प्लाजा पर रुके बिना यात्रा कर सकते हैं।
- टोल बूथों पर रुकने में लगने वाले समय की बचत होगी और यात्री अपने जाने वाले स्थान तक तेजी से पहुंच सकेंगे।
- यात्रियों को केवल तय की गई दूरी के लिए भुगतान करना होगा, जिससे यह अधिक लागत-प्रभावी हो जाएगा।
- जीपीएस ट्रैकिंग से चोरी की स्थिति में वाहनों का पता लगाना आसान होगा।
कैसे काम करेगा जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम?
जीपीएस-आधारित टोल टेक्स सिस्टम के तहत वाहनों को जीपीएस ट्रैकर से लैस किया जाएगा जो राजमार्ग पर तय की गई दूरी को रिकॉर्ड करेगा। टोल कार मालिक के बैंक खाते से यात्रा की गई किलोमीटर की संख्या के आधार पर ऑटोमेटिक रूप से काट लिया जाएगा। टोल कीमत की गिनती तय की गई दूरी और वाहन के प्रकार के आधार पर की जाएगी।
जीपीएस-आधारित टोल टेक्स सिस्टम भारत में टोल कलेक्शन सिस्टम की टेक्नोलॉजी की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इसके लागू होने से टोल बूथ की जरूरत 0% हो जाएगी और यात्री बिना किसी रुकावट के यात्रा कर सकेंगे। इस सिस्टम से न केवल यात्रियों के समय और धन की बचत होगी बल्कि ट्रैफिक की भीड़ को कम करने में भी मदद मिलेगी। उम्मीद है कि इसे एक साल में पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा, जिससे सभी को बिना किसी बढ़ा के यात्रा का अनुभव मिलेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों
सवाल- जीपीएस-आधारित टोल टेक्स सिस्टम क्या है?
जवाब- जीपीएस-आधारित टोल टेक्स सिस्टम एक ऐसी तकनीक है जो राजमार्ग पर किसी वाहन द्वारा तय की गई दूरी को ट्रैक करने के लिए जीपीएस उपग्रह तकनीक का उपयोग करती है। जितने किलोमीटर का सफर तय किया है, उसके आधार पर टोल सीधे कार मालिक के बैंक खाते से काट लिया जाएगा।
सवाल- क्या टोल बूथ पूरी तरह खत्म हो जाएंगे?
जवाब- जी हां, जीपीएस आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम के लागू होने से अब टोल बूथों की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सवाल- क्या मुझे अभी भी GPS-आधारित टोल संग्रह प्रणाली के लिए फास्टैग की आवश्यकता होगी?
जवाब- नहीं, इस सिस्टम के लिए आपको फास्टैग की जरूरत नहीं होगी। टोल कार मालिक के बैंक खाते से यात्रा की गई किलोमीटर की संख्या के आधार पर ऑटोमेटिक रूप से काट लिया जाएगा।